नई दिल्ली (एजेंसी). इराक ने पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए भारत के आह्वान का स्वागत किया है। क्षेत्र में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है और दोनों ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले किए हैं। इससे भारत आने वाले कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका थी लेकिन इराक के राजदूत फलाह अब्दुलहसन अब्दुलसदा ने साफ कर दिया है कि ऐसा नहीं होगा। एक इंटरव्यू में अब्दुलसदा ने कहा कि इराक में रहने वाले सभी भारतीय सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इराक अपने क्षेत्र को ‘द्विपक्षीय संघर्ष का रंगमंच’ नहीं बनाना चाहता। अब्दुलसादा ने कहा, ‘इराक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत के आह्वान का स्वागत करता है। हम भी वही चाहते हैं।’
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अब्दुलसदा का बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने बगदाद हवाई अड्डे पर मिसाइल हमला करके ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को पिछले हफ्ते मार दिया था। इसके बाद ईरान ने इराक में मौजूद अमेरिकी बेस पर बुधवार को हमला किया था। इराकी राजदूत ने कहा, ‘भारत इराक के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा साझेदार हैं और मौजूदा तनाव से तेल की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी।
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इराक भारत के लिए शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता है। सऊदी अरब को हटाकर भारत के तेल की लगभग एक चौथाई जरूरतें वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 में इराक से पूरी होती हैं। इससे पहले सऊदी अरब नंबर एक पर था। इराक ने अप्रैल-सितंबर 2019 के बीच भारत को 26 मिलियन टन तेल बेचा है और भारतीय तेल कंपनियों की इराक के तेल क्षेत्र में काफी दिलचस्पी रही है।
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गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम एशिया में ‘शांति, सुरक्षा और स्थिरता’ देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘इस क्षेत्र में हमारे महत्वपूर्ण हित हैं और हम चाहते हैं कि स्थिति जल्द से जल्द समाप्त हो जाए।
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अब्दुलसदा ने यह भी कहा कि इराक में रह रहे और काम कर रहे सभी भारतीय सुरक्षित हैं और इराकी अधिकारियों ने देश में सभी प्रवासियों के लिए सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित किए हैं। बगदाद में भारतीय दूतावास के अनुसार इराक में लगभग इस समय 15 से 17 हजार भारतीय रहते हैं। जिसमें से ज्यादातर कुर्दिस्तान, बसरा, नजफ और करबला में रहते हैं। वहीं करबला रिफाइनरी परियोजना में 6,000 से अधिक भारतीय कामगार हैं।
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