नई दिल्ली (एजेंसी). मोदी सरकार (Modi Govt.) एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, अगर सरकार की यह कोशिश सफल रही तो पेट्रोल (Petrol) 10 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है. यही नहीं, आपका पेट्रोल पर खर्च 10 फीसदी तक कम हो सकता है. इस कदम से सरकारी खजाने में 5000 करोड़ रुपये की बचत होगी. भारतीय इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए यह एक बड़ा कदम साबित होगा.
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दरअसल सरकार देशभर में मिथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल लाने की तैयारी में है. इसके लिए बकायदा रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को खत में लिखा है कि वह देशभर में मिथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल उपलब्ध कराएं. सरकार के इस कदम से प्रदूषण में 30 फीसदी तक की कमी आ सकती है. मिथेनॉल की कीमत 20 रुपये प्रति लीटर है. इंडियन ऑयल पहले ही मिथेनॉल ब्लेंडड फ्यूल बना रही है, इसमें 15 फीसदी मिथेनॉल और 85 पेट्रोल है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने बताया कि M15 पर 65,000 किलोमीटर का ट्रायल रन पूरा कर लिया है. नीति आयोग ने बताया है कि फ्यूल में 15 फीसदी मिथेन ब्लेंड करने पर 2030 तक 100 अरब डॉलर की बचत हो जाएगी.
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ट्रायल के तौर पर पुणे में 15 फीसदी मिथेनॉल मिले हुए पेट्रोल से गाड़ियां चलाई गईं. खबरों के मुताबिक पुणे में मारुति और हुंडई गाड़ियों में मिथेनॉल मिला पेट्रोल डालकर ट्रायल रन किया गया. सरकार इस दिशा में जितनी तेजी से काम कर रही है उससे लगता है कि जल्द ही देशभर के पेट्रोल पंपों पर मिथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल मिलने लगेगा. बता दें, फिलहाल पेट्रोल में इथेनॉल मिलाया जाता है, लेकिन मिथेनॉल के मुकाबले इथेनॉल बहुत महंगा है, इथेनॉल की कीमत करीब 40 रुपये प्रति लीटर है, जबकि मिथेनॉल 20 रुपये लीटर में आती है. मिथेनॉल कोयले से बनता है. वहीं इथेनॉल गन्ने से बनाया जाता है.
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जहां तक मिथेनॉल की आपूर्ति की बात है तो सरकार इंपोर्ट पर विचार कर रही है. चीन, मेक्सिको और मिडिल ईस्ट से मिथेनॉल का इंपोर्ट किया जा सकता है. वहीं देश में RCF (राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर), GNFC (गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन) और असम पेट्रोकेमिकल जैसी कंपनियों के क्षमता विस्तार की तैयारी भी चल रही है. गौरतलब है कि आने वाले दिनों में मिथेनॉल को घरों में खाना पकाने के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके लिए सरकार की ओर से खास तैयारी की जा रही है. इस प्रयोग की शुरुआत असम से हो चुकी है.
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