नई दिल्ली (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्ज वापस लेने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। उसने इस मुद्दे पर अपना साथ देने की कई देशों से मिन्नतें की लेकिन कहीं भी उसकी मुराद पूरी नहीं हो पाई। उसने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भी इस मुद्दे को उठाया लेकिन यहां भी किसी ने उसे भाव नहीं दिया। यही कारण रहा कि पाकिस्तान वापस लौटने के बाद इमरान खान ने यूएन में अपनी स्थायी सदस्य मलीला लोधी को हटाने का फैसला लिया है। सोमवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा की। मलीहा लोधी की जगह पाकिस्तान ने मुनीर अकरम को अपना नया स्थायी सदस्य बनाया है। वह 15 साल बाद इस पद को संभालने वाले हैं। इससे पहले अकरम 2002 से 2008 के बीच इस पद पर तैनात थे। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकाल भी संभाले थे। उनका जन्म 14 फरवरी, 1945 को कराची में हुआ था। 74 साल के पाकिस्तानी राजदूत ने कराची विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की है।
2003 में पाकिस्तान को मजबूरन अकरम को वापस बुलाना पड़ा था क्योंकि उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज हुआ था। शिकायत के अनुसार उन्होंने कथित तौर पर अपनी लिव-इन पार्टनर मरीजाना मिहिक की पिटाई की थी। पाकिस्तान के लिए परिस्थिति इतनी गंभीर हो गई थी अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से उन्हें मिला राजनयिक संरक्षण वापस लेने के लिए कहा था ताकि उनपर मारपीट का मुकदमा चलाया जा सके।
हालांकि एक महीने बाद फरवरी 2003 में इस मसले में अकरम के खिलाफ जांच को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद मामले को कोर्ट के बाहर ही सुलझा लिया गया। इमरान खान सरकार को उम्मीद है कि लोग इस मामले को भूल चुके हैं इसी कारण उन्हें वापस यूएन भेजा गया है। वह भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए मशहूर हैं। अकरम पाकिस्तान के अखबार डॉन के लिए लेख भी लिखते हैं।