नई दिल्ली (एजेंसी). राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के अंदर उन जगहों पर आरओ प्यूरीफायर (RO Purifier) पर प्रतिबंधित लगाने की अधिसूचना जारी करे जहां पानी में कुल घुलनशील ठोस (टीडीएस) प्रतिलीटर 500 मिलीग्राम से नीचे है।एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को कहा कि उसके आदेश के अनुपालन में हो रही देरी के कारण लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। आदेश का शीघ्रता से अनुपालन होना चाहिए। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने एनजीटी के आदेश को लागू करने के लिए चार महीने का समय मांगा था।
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एनजीटी ने कहा का इस तथ्य के संदर्भ में कि पर्यावरण संरक्षण से जुड़े किसी भी मामले में त्वरित कदम उठाया जाना चाहिए, मसौदा अधिसूचना प्रसारित करने की अवधि या प्रतिक्रिया मंगाने का समय उतना ही लंबा होना चाहिए जितना प्रस्तावित है। इसे घटा कर दो महीने किया जा सकता है। अनुपालन रिपोर्ट मामले में सुनवाई की अगली तारीख से पहले ईमेल के जरिए दाखिल की जाए।
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इससे पहले मंत्रालय ने अपनी दलील में कहा था कि एनजीटी के आदेश के प्रभावी अनुपालन के लिए चार महीने की जरूरत है। दो महीने मसौदा प्रस्ताव के व्यापक प्रसारण के लिये जिससे टिप्पणियां आमंत्रित की जा सकें और दो महीने इन टिप्पणियों में आए सुझावों को शामिल करने तथा अधिसूचना को अंतिम रूप देने व विधि एवं न्याय मंत्रालय से मंजूरी हासिल करने के लिये।
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इस मामले में अब अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी। एनजीटी ने सुनवाई की आखिरी तारीख को मंत्रालय को अधिसूचना जारी करने में देरी के लिए फटकार लगाई और संबंधित अधिकारी को वेतन रोकने की चेतावनी दी। ट्रिब्यूनल ने पहले कहा था कि यह आदेश एक विशेषज्ञ समिति की एक रिपोर्ट पर आधारित था, जिसमें एमओईएफ के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
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