नई दिल्ली (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने बुधवार को नई दिल्ली के साथ सभी राजनयिक संबंध तोड़ दिए। इस्लामाबाद में इस निर्णय की घोषणा करते हुए पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी अपना देश छोड़ने के आदेश दिए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हम दिल्ली से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला रहे हैं और उनके उच्चायुक्त को यहां से भेज रहे हैं। हालांकि भारत की तरफ से पहले ही जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताकर उससे जुड़े मुद्दे को पूरी तरह अपना आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान के विरोध को खारिज किया जा चुका है। पाक विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आज की बैठक के अनुरूप भारत सरकार को पाकिस्तान से अपना उच्चायुक्त वापस बुलाने के लिए कहा गया है। हालांकि, इसने भारत को अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार को सूचित किया गया है कि पाकिस्तान नई दिल्ली में नामित किए गए अपने उच्चायुक्त को वहां नहीं भेजेगा।
भारत से राजनयिक संबंध घटाने के साथ ही द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने की घोषणा की है। द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने का मतलब है कि अब दोनों देशों के बीच व्यापार बंद हो जाएगा। इसलिए यह जानना जरूरी है कि पड़ोसी मुल्क के इस कदम से किस देश पर कितना असर पड़ेगा। पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय व्यापार निलंबित होने से सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान ने नागरिकों पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान कई जरूरी वस्तुओं का आयात भारत से ही करता है। जबकि भारत पाकिस्तान पर कम निर्भर है। यह दावा भारतीय व्यापार विशेषज्ञों ने पाकिस्तान की तरफ से राजनयिक संबंध घटाने की घोषणा के बाद किया।
अनुच्छेद-370 खत्म करने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से तिलमिलाए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया कि एनएससी में भारत से राजनयिक रिश्ते घटाने का फैसला हुआ है। साथ ही द्विपक्षीय व्यापार भी निलंबित कर दिया गया है।