वॉशिंगटन: अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या एक लाख को पार कर गई है. दुनिया में किसी भी देश में कोरोना के कारण इतने अधिक लोगों की मौत नहीं हुई.
इनमें से एक तिहाई लोगों की मौत दुनिया की वित्तीय राजधानी माने जाने वाले न्यूयॉर्क, उसके नजदीकी इलाके न्यूजर्सी और कनेक्टिकट में हुई. इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. बीते तीन महीने में 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.
हालांकि मृत्यु दर और नए मामलों की संख्या में अब कमी आने लगी है. इसे देखते हुए सभी 50 राज्यों ने अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोलने की हिम्मत जुटाई है. सदन में बहुमत के नेता स्टेनी होयर ने कहा, ” कोरोना के कारण एक लाख अमेरिकी लोगों की मौत हो गई. ऐसे में हमारा देश एक दुखद मुकाम पर है. पूरे देश में इस बीमारी के कारण अपने प्रियजनों को खोने का दुख उनके परिवार मना रहे हैं.’’
अमेरिका में मृतकों की संख्या बुधवार को एक लाख के पार पहुंच गई. अब तक 17 लाख से अधिक अमेरिकी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. रोग नियंत्रण एवं रोकथाम संबंधी अमेरिकी केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक देश में इस संक्रमण ने हर आयुवर्ग और हर समुदाय को अपनी चपेट में लिया है. संक्रमण के कुल मामलों में से 4.7 एशियाई अमेरिकियों के और 26.3 फीसदी अश्वेत अमेरिकियों के हैं.
संक्रमण के कारण यहां कितने भारतीय-अमेरिकी लोगों की मौत हुई इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है लेकिन कुछ अनाधिकारिक अनुमानों की मानें तो न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में ऐसे 500 से अधिक लोगों की मौत हुई. साथ ही इस समुदाय के संक्रमित लोगों की संख्या हजारों में है. बीते दो महीनों में कई जानेमाने भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक और प्रभावशाली सामुदायिक नेताओं की संक्रमण के कारण मौत हुई. सीडीसी ने कहा कि अब तक अमेरिका में 1.57 करोड़ लोगों की जांच की गई है जिनमें से 18 लाख संक्रमित पाए गए हैं.