70 अरब डॉलर की लागत से भारत में रिफाइनरी लगाएंगे सऊदी अरब-UAE

नई दिल्ली (एजेंसी). सऊदी अरब और यूएई मिलकर महाराष्ट्र में 70 अरब डॉलर की लागत से रिफाइनरी खोलने जा रहे हैं. यह दोनों देशों की तरफ से भारत में बहुत बड़ा निवेश होगा. इससे पहले अनुमान लगाया गया था कि रिफाइनरी की लागत 44 अरब डॉलर होगी. यह नया आंकड़ा यूएई और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान की 27 नवंबर को हुई मुलाकात के बाद आया है.

सऊदी और यूएई के क्राउन प्रिंस ने रिफाइनरी प्रोजेक्ट पर चर्चा की. हालांकि, 2018 में ही सऊदी और यूएई ने रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स का विकास करने का ऐलान किया था जिससे भारतीय बाजार के लिए प्रति दिन 600,000 बैरल तेल की आपूर्ति की जाएगी.

इस परियोजना में सऊदी की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी एडनॉक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन शामिल हैं. हालांकि इसके लिए अभी भूमि अधिग्रहण शुरू नहीं हुआ है.

सऊदी के वाणिज्य मंत्री माजिद बिन अब्दुल्ला अल कसाबी ने इस परियोजना को लेकर अपने बयान में कहा था, ‘हमने सऊदी अरामको से शुरुआत की है. इसने रिफाइनरी बनाने का फैसला किया और ये बहुत बड़ा निवेश है. ये एक प्रतिबद्धता है. हम भारत सरकार की ओर से जमीन को चुनने का इंतजार कर रहे हैं.’

मोदी सरकार के आने के बाद से सऊदी अरब और यूएई से भारत के रिश्ते मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य-पूर्व के ताकतवर देशों जैसे-सऊदी अरब, यूएई और इजरायल के साथ साझेदारी को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाई है और शीतयुद्ध के दौरान तमाम देशों के बीच संतुलन बनाए रखने की नीति को पीछे छोड़ दिया है.

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