रिलायंस फाइबर को मिल सकता है 7.5 हजार करोड़ रु. का नया निवेश, दो इन्वेस्टमेंट कंपनियां खरीद सकती हैं हिस्सेदारी

नई दिल्ली (एजेंसी). रिलायंस : रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) अपनी फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क सब्सिडियरी के लिए 40 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए आरआईएल, ट्रस्ट की हिस्सेदारी बेचेगी और मार्केट से कर्ज भी लेगी। इसमें दो कंपनियों का नाम सामने आ रहा है। ये कंपनियां फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क में 51% तक हिस्सेदारी खरीद सकती हैं। यह फंड इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) के माध्यम से निवेश की जाएगी।

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रिलायंस फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क सब्सिडियरी में सऊदी अरब की पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी निवेश कर सकती हैं। दोनों इनविट (InvIT) के जरिए 51% हिस्सेदारी के लिए 500-500 मिलियन डॉलर का भुगतान कर सकती हैं।

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सेबी को दी गई जानकारी के मुताबिक इनविट का 51 प्रतिशत हिस्सा डिजिटल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट और 48.44 प्रतिशत हिस्सा आरआईएल के पास है। आरआईएल 14,700 करोड़ रुपए के लिए 147.06 करोड़ यूनिट जारी करेगी। एक यूनिट की कीमत 100 रुपए है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरआईएल, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एसबीआई (SBI) से 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज जुटाएगी। इसकी अवधि 12 या 15 सालों तक हो सकती है। इसके बाद डीएफआईटी डेट के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी, जिसका उपयोग फाइबर ऑप्टिक के लिए किया जाएगा।

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इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड ने इस साल 33 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 20 बिलियन डॉलर (1.52 लाख करोड़ रु.) की रकम जुटाई है। इसमें गूगल और फेसबुक जैसे दिग्गज टेक कंपनियों ने भी निवेश किया है। सेबी को दी जानकारी के मुताबिक जियो डिजिटल फाइबर प्रा. लि. में रिलायंस इंड. की हिस्सेदारी 48.4 फीसदी की है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक वर्तमान में जियो के लगभग 40 करोड़ यूजर्स हैं। ऑयल एंड गैस कारोबार की दिग्गज कंपनी आरआईएल का फोकस टेलीकम्युनिकेशन, ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों पर है। 2020 की सालाना बैठक (एजीएम) में भी कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क की सेवाएं देशभर में जल्द शुरु करने की बात कही थी।

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कंपनी अपनी रिटेल यूनिट में भी हिस्सेदारी बेचकर 3 बिलियन डॉलर (25 हजार करोड़ रु.) से ज्यादा की रकम जुटाई है। इसमें केकेआर एंड कंपनी, सिल्वर लेक, जनरल अटलांटिक और मुबाडला जैसी कंपनियों ने निवेश किया है। रिलायंस पहले भी जियो टेलीकॉम टॉवर असेट्स और गैस पाइपलाइन कंपनी के लिए इसी प्रक्रिया के तहत फंड जुटा चुकी है। इसमें कनाडा की असेट मैनेजमेंट कंपनी ब्रुकफील्ड ने दोनों कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी थी। रिलायंस समूह ने जून की एजीएम में ट्रस्ट में हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेशकों से बातचीत की बात कही थी। कंपनी के पास स्वयं का 11 लाख किमी का फाइबर ऑप्टिक केबल है, जो 1600 शहरों औेर कस्बों से होकर गुजरेगी।

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