भगोड़े व्यापारी विजय माल्या ने जेट एयरवेज को बचाने अपनी चल सम्पति इस्तेमाल करने की पेशकश की

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत का करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर देश से भागे 62 वर्षीय शराब कारोबारी विजय माल्या ने मंगलवार को सरकार पर आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि उनके (माल्या) दिए पैसों का इस्तेमाल जेट एयरवेज को बचाने के लिए किया जाना चाहिए। माल्या ने कहा, “मैं ये बात दोहराता हूं कि मैंने पीएसयू बैंकों और अन्य सभी लेनदारों को भुगतान करने के लिए माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष चल संपत्ति रखी है। बैंक क्यों मेरा पैसा नहीं ले रहे हैं? यह जेट एयरवेज को बचाने में उनकी मदद करेगा अगर कुछ और नहीं।”

माल्या ने पीएसयू बैंक द्वारा जेट को दी जा रही मदद को लेकर सवाल उठाए। माल्या का कहना है कि ये सब किंगफिशर के साथ भी होना चाहिए था। उसने कहा कि एनडीए सरकार दोहरा मापदंड रखती है, आखिर अब क्या बदल गया है।

माल्या ने ट्वीट कर कहा, ‘यह देखकर खुशी हुई कि पीएसयू बैंकों ने जेट एयरवेज में नौकरी, कनेक्टिविटी और उद्यम को बचाने कि लिए बेल आउट दिया है। केवल यही इच्छा किंगफिशर के लिए की गई थी।’

वित्तीय संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में बैंकों द्वारा कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के बाद माल्या ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।

माल्या ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘भाजपा प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे मेरे खतों को पढ़ा और आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के तहत पीएसयू बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस का गलत समर्थन किया था। मीडिया ने मुझे वर्तमान पीएम को लिखने के लिए उकसाया। मुझे आश्चर्य है कि एनडीए सरकार में अब क्या बदल गया है।’

किंगफिशर को लेकर एक अन्य ट्वीट में माल्या ने कहा, ‘मैंने कंपनी और उसके कर्मियों को बचाने के लिए किंगफिशर एयलाइन में 4 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया। इसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्हीं पीएसयू बैंकों ने भारत के बेहतरीन कर्मचारियों और कनेक्टिविटी के साथ बेहतरीन एयरलाइन को बेरहमी से विफल कर दिया। एनडीए सरकार में दोहरा मापदंड है।’

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