नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने इस बात को स्वीकार किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में हाथ है। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। बुधवार को एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मुशर्रफ ने हमले पर दुख व्यक्त किया और इसकी निंदा की। मुशर्रफ ने कहा, ‘यह भयानक है। हमें खेद है और हम इसकी निंदा करते हैं। मेरी इससे कोई सहानुभूति नहीं है। मुझपर जैश ने हमला किया था। मुझे नहीं लगता कि इमरान खान को जैश के साथ कोई सहानुभूति होगी। हालांकि मुशर्रफ ने दृढ़ता से कहा कि हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी।’
मुशर्रफ ने कहा, ‘मौलाना ने इसे किया। जैश ने इसे किया लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को दोष नहीं देना चाहिए। सारी जानकारी जुटाने के लिए एक संयुक्त जांच दल होना चाहिए। यदि इसमें सरकार शामिल है तो यह खेदजनक होगा।’ देश के आर्थिक संकट का जिक्र करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘जिस परिस्थिति में पाकिस्तान है, मुझे नहीं लगता कि सरकार ऐसी स्थिति में आएगी।’
परवेज मुशर्रफ ने आगे कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जेईएम के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए। पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला किया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली थी और आत्मघाती हमलावर की पहचान कश्मीरी युवक आदिल अहमद डार के तौर पर हुई थी।
इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुसार जिस आरडीएक्स का उपयोग बस पर हमला करने के लिए किया गया था उसे रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना द्वारा खरीदा गया था और जेईएम के ऑपरेटर्स को सौंपा गया था। आरडीएक्स को एकत्रित करने की प्रक्रिया मार्च 2018 से शुरू हुई थी और बैगपैक, सिलेंडर और कोयला बैग के जरिए विस्फोटकों की तस्करी त्राल में महिलाओं और बच्चों के जरिए की गई थी।