जेट ने कर्ज को इक्विटी में बदलने की योजना बनाई, एक और किंगफिशर जैसा संकट तो नहीं ?

मुंबई, (एजेंसी)| संकटग्रस्त जेट एयरवेज के निदेशक मंडल की नई संकल्प योजना पर विचार-विमर्श के लिए 21 फरवरी को बैठक हो रही है, जिससे कर्जदाताओं के बीच यह अटकलें लगाई जा रही है कि कहीं यह किंगफिशर एयरलाइन जैसा संकट तो नहीं हो, जिससे कारण अंतत: विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया। जेट एयरवेज ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कंपनी की एक असाधारण आम सभा (ईजीएम) 21 फरवरी को हो रही है। इसमें कहा गया कि ईजीएम में विशेष संकल्प योजना को रखा जाएगा, `जिसमें कर्ज को शेयरों या कनवर्टिवल इंस्ट्रमेंट्स या अन्य सिक्युरिटीज में बदलने की योजना शामिल है।`

निजी विमानन कंपनी ने 1 जनवरी से बैंकों को ब्याज और कर्ज की किश्तों को चुकाने में चूक की, जिसके बाद रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने विमान कंपनी के अल्प और दीर्घकालिक दोनों ऋण सुविधाओं की रेटिंग कम कर दी।

कोई संकल्प नहीं आने और गतिरोध जारी रहने के कारण अबु धाबी की एतिहाद ने पिछले हफ्ते जेट एयरवेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का नया प्रस्ताव दिया था और 50 करोड़ डॉलर के राइट्स इश्यू खरीदने का प्रस्ताव रखा था। इसके जरिए, एतिहाद ने जेट एयरवेज में अपनी हिस्सेदारी 49 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। एतिहाद की जेट एयरवेज में वर्तमान में 24 फीसदी हिस्सेदारी है।

सूत्रों ने यहां बताया कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्टियम समेत अन्य ऋणदाताओं को कर्ज के बदले राइट्स इश्यू 1 रुपये प्रति शेयर के भारी छूट वाली कीमत पर मिलने की उम्मीद है।

जेट एयरवेज अपना आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) साल 2005 में लेकर आई थी, जिसमें प्रत्येक 10 शेयरों के प्रति शेयर 1,100 रुपये की प्रीमियम कीमत रखी गई थी। लेकिन सोमवार को कंपनी के शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर पिछले सत्र की तुलना में 7.75 फीसदी या 3 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 245.40 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बंद हुए।

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