चीन में तीन हफ्तों से मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने वुहान में वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों के साथ गहन बातचीत और विचार-विमर्श किया है. WHO के प्रवक्ता क्रिश्चिन लिंडमेइर ने मंगलवार को बयान जारी कहा, “विशेषज्ञों की टीम ने वुहान में जानवरों पर शोध के संस्थान, स्वास्थ्य, महामारी रोग विशेषज्ञों समेत अन्य अधिकारियों से लंबी मुलाकातें की.”
उन्होंने बताया कि बातचीत के मुद्दे में जानवरों के शोध संस्थान के अपडेट्स को भी शामिल किया गया है. महामारी की शुरुआत में वुहान में जानवरों की मंडी के कुछ मरीजों में संक्रमण का मामला सामने आया था. जिसके बाद दूसरे दिन चीन की सरकार ने मंडी को बंद करने का आदेश जारी कर दिया. फिलहाल जांच टीम के अंतिम नतीजे के बारे में दुनिया भर के वैज्ञानिकों और सरकारों को शिद्दत से इंतजार है.
तीन हफ्तों के दौरे पर गई टीम में दो जानवरों के विशेषज्ञ और महामारी रोग विशेषज्ञ का काम चीनी और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की बड़ी टीम के लिए रास्ता तैयार करना था. ये विशेषज्ञ पता लगाएंगे कि आखिर कोविड-19 बीमारी का कारण बननेवाला वायरस जानवरों से इंसानों तक कैसे पहुंचा. क्रिश्चिन लिंडमेइर ने हालांकि बड़े मिशन के लिए गठित टीम की विस्तृत जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा कि बड़े मिशन के लिए शर्तों को चीनी अधिकारियों के साथ ड्राफ्ट की शक्ल में पेश कर दिया गया है. फिलहाल उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.
माना जा रहा है कि टीम का गठन करना WHO के लिए काफी संवेदनशील मामला साबित होगा क्योंकि अमेरिकी विशेषज्ञों को बाहर रखने से विवाद होने का खतरा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि वायरस की उत्पत्ति वुहान की लैब में हुई है. हालांकि उन्होंने अपने दावे के पीछे अबतक कोई सबूत पेश नहीं किया है. मगर WHO का मानना है कि चमगादड़ से कोरोना का वायरस किसी अन्य जानवर और फिर इंसानों में पहुंचने हो. इससे पहले अडोनाल्ड ट्रंप WHO को चीनी परस्त होने का गंभीर आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कोरोना वायरस के बारे में समय रहते अलर्ट नहीं करने के मुद्दे पर WHO से बाहर निकलने की धमकी दी है.