क्या जून-जुलाई तक आ जाएगी कोरोना वायरस की वैक्सीन? अमेरिका को इस दवा से है बड़ी उम्मीद

अमेरिका: कोरोना वायरस से इस वक्त लगभग दुनिया का हर मुल्क परेशान है. दुनिया इस वक्त वैक्सीन से ही उम्मीद लगाए बैठी है. कोरोना की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में प्रयोग हो रहे हैं. अमेरिका में एक ट्रायल हो चुका है लेकिन बड़ी उम्मीद रेमडेसिवीर ड्रग्स से आई है. ये एंटी वायरस ड्रग जिसका ट्रायल अमेरिका में कामयाबी के साथ हुआ है. इस ड्रग्स के बाद मरीजों में कोरोना वायरस की वृद्धि रूक गई है.

दिलचस्प ये है कि चीन ने रेमडेसिवीर ड्रग्स को ट्रायल के बाद रिजेक्ट कर दिया था. अब इसी ड्रग्स से अमेरिका उम्मीद बांधे बैठा है. दूसरी तरफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कोरोना की वैक्सीन की तरफ एक कदम और बढ़ गई है. पिछले दिनों ऑक्सफोर्ड की टीम ने मानव पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया था. जिसके नतीजे जून तक आने की उम्मीद है. इस बीच वैज्ञानिकों ने दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्रो जेनिका के साथ करार कर लिया है.

दुनिया की सर्वोत्तम ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तेजी से काम कर रही है. जून-जुलाई तक हमें वैक्सीन की कामयाबी का पहला आइडिया मिल जाएगा. प्रोडक्शन के लिए कुछ और महीने चाहिए होंगे.

माना जा रहा है कि ये करार दुनिया भर के लिए एक संदेश की तरह है कि ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों को अपने ट्रायल के कामयाब होने की पूरी उम्मीद है.आपको बता दें कि दुनिया भर में करीब दर्जनों वैक्सीन पर काम चल रहा है. WHO के मुताबिक इन वैक्सीन को मार्केट में आने में 12 से 18 महीने का वक्त लग सकता है.

कोरोना वायरस पर अमेरिका ऐसा फंसा है कि ना उगलते बन रहा है ना ही निगलते. एक तरफ अमेरिका के इंटेलिजेंस प्रमुख ने माना है कि कोरोना वायरस मानव निर्मित या जेनेटिक तौर पर मॉडिफाइड नहीं है. वहीं अपने ही विभाग की रिपोर्ट से उलट अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात पर कायम हैं कि चीन के वुहान की लैब में कोरोना वायरस को तैयार किया गया. ट्रंप का कहना है कि चीन की भयानक गलती की वजह से कोरोना दुनिया भर में फैला.

राष्ट्रपति ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने ऐसे सबूत देखे हैं जिससे पता चले कि वायरस लैब में बना था ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हां मैंने देखे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं आपको यह नहीं बता सकता. मुझे आपको यह बताने की अनुमति नहीं है. बता दें कि इससे पहले भी राष्ट्रपति कई बार चीन पर सवाल उठा चुके हैं.

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