कोरोना महामारी, जाने कब खत्म हो सकती हैं, WHO प्रमुख ने दिया ये बड़ा ब्यान  

जिनेवा (एजेंसी). कोरोना महामारी से इस समय दुनियाभर के लोग प्रभावित हैं। सभी को बस यही इंतजार है कि यह बीमारी जल्दी खत्म हो। अच्छी बात है कि जल्द ही आम लोगों के लिए इसकी वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रमुख जनरल टेड्रोस गेब्रियेसस ने कोरोना महामारी खत्म होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि यह महामारी दो साल में खत्म हो सकती है। साल 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उसे खत्म होने में भी दो साल का समय लगा था। आज हमारे पास बहुत सारी तकनीक उपलब्ध है,  इसलिए हो सकता है कि यह कम समय में ही खत्म हो जाए।

जेनेवा स्थित मुख्यालय में वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टेड्रोस ने कहा कि आज हमारे पास महामारी रोकने की तकनीक भी है और ज्ञान भी है। उन्होंने कहा कि इतिहास पर गौर करने पर पाएंगे कि अर्थव्यवस्था और समाज में परिवर्तन के कारण महामारियां फैलीं। संगठन ने कोरोना महामारी से निपटने के भारत के प्रयासों की सराहना भी की है।

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डब्ल्यूएचओ के हेल्थ डिजास्टर प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइक रेयान ने कहा था कि भारत में कोरोना के केस तीन हफ्ते में दोगुने हो रहे हैं। बांग्लादेश, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के घनी आबादी वाले देशों में भी अभी महामारी की स्थिति विस्फोटक नहीं हुई है, लेकिन ऐसा होने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सामुदायिक स्तर पर संक्रमण शुरू हो जाता है तो ये काफी तेजी से फैलेगा।

डॉ. रेयान ने कहा कि भारत में लोगों की आवाजाही दोबारा शुरू हो गई है, ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा बना हुआ है। वहीं, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में कोरोना के जितने कुल मामले हैं वे 130 करोड़ की आबादी के हिसाब से बहुत ज्यादा नहीं हैं, लेकिन संक्रमण की दर और रफ्तार पर नजर रखना अहम है।

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एक सवाल के जवाब में टेड्रोस ने कहा, पीपीई से जुड़ा भ्रष्टाचार बड़ा अपराध है। यह हत्या की तरह है, इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता। अगर स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट के काम कर रहे हैं तो वे हमारे लिए अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं। पीपीई में भ्रष्टाचार, स्वास्थ्यकर्मियों के जीवन को खतरे में डालने जैसा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए भारत के प्रयासों की तारीफ की है। डब्ल्यूएचओ ने हालांकि यह भी कहा है कि भारत में संक्रमण का रिस्क बना हुआ है, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इससे कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी।

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