आयकर विभाग ने ITR फॉर्म में किए कई बदलाव, जानें बिजली बिल से जुड़े नए सवाल के बारे में

नई दिल्ली(एजेंसी):  ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न ) फॉर्म जारी कर दिए हैं. इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. अगर आप आयकर रिटर्न भरते हैं तो आपके लिए ये खबर जानना जरूरी है.

बता दें कि इस साल कोरोना संकट के कारण सरकार ने आयकर रिटर्न भरने के लिए 30 नवंबर 2020 तक का समय दिया है. इस लिहाज से आपके पास पूरे छह महीने हैं और आप आयकर रिटर्न भरने की तैयारी अच्छी तरह कर सकते हैं. आयकर विभाग ने फॉर्म में किए गए बदलाव के बारे में एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी है. इसके तहत हरेक आईटीआर फॉर्म में 30 जून को खत्म तिमाही के दौरान किए गए निवेश या खर्च की डिटेल देने के लिए अलग से जगह दी जाएगी और टैक्सपेयर्स को इसकी जानकारी देनी होगी.

सभी आईटीआर फॉर्म में अब करदाताओं को चालू खाते, विदेश यात्रा और बिजली बिलों से जुड़ी कुछ नई जानकारी देने की जरूरत है. नए आईटीआर फॉर्म में टैक्स डिडक्शन का दावा करने के लिए अप्रैल और जून के बीच किए गए इन सभी निवेश और पेमेंट का विवरण भी आपको देना होगा.

क्या टैक्सपेयर ने पिछले एक साल के दौरान एक या एक से अधिक चालू खाते में 1 रुपये करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जमा की है तो उसे इसकी जानकारी देनी होगी.

 क्या टैक्सपेयर ने विदेश यात्रा पर अपने या किसी दूसरे शख्स के लिए 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं तो इसकी भी जानकारी देनी होगी.

क्या आपने एक वित्त वर्ष में बिजली बिल के भुगतान पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं तो इसकी भी जानकारी देनी होगी.

सरकार ने 30 जून 2020 तक सेक्शन 80सी के तहत एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी के निवेश से लेकर 80डी के तहत मेडिक्लेम और 80जी के तहत डोनेशन पर किए गए निवेश की मंजूरी दे दी लेकिन टैक्सपेयर को इसकी जानकारी देनी होगी.

अगर घरेलू कंपनियों से डिविडेंड के रूप में जो इनकम मिलती है वो टैक्सेबल इनकम है, तो आप आईटीआर-1 फॉर्म दाखिल नहीं कर पाएंगे.

हाउस प्रॉपर्टी के जॉइंट ओनर वाले लोग आईटीआर-1 या आईटीआर-4 सबमिट नहीं कर सकते हैं.

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