श्रीनगर (एजेंसी)| जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को एक आत्मघाती हमलवार ने अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी कथित रूप से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 30 जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए। 1989 में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से यह हमला जम्मू एवं कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया गया है, जिसे हमले से पहले शूट किया गया था। यह हमला यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ।
समूह ने कहा कि उसका एक कमांडर आदिल अहमद दार आत्मघाती हमलावर था। पुलिस सूत्रों और अन्य अधिकारियों ने कहा कि एसयूवी चला रहे आत्मघाती हमलावर ने अपरान्ह करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ। घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे।
शुरुआत में आठ जवानों के शहीद होने की खबर आई थी। लेकिन शहीदों की संख्या तेजी से बढ़ी क्योंकि जब अन्य सीआरपीएफ जवान निशाना बनाई गई बस की ओर बढ़े तो उन्होंने वहां केवल बस का मलबा पाया। बस में 39 जवानों के सवार होने की बात कही जा रही है।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों द्वारा मुख्य रूप से निशाना बनाई गई बस पूरी तरह से तबाह हो गई और अन्य सीआरपीएफ वाहनों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, `इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि बस में कोई जीवित बचा होगा।
जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है। बाद में अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। सभी घायलों को श्रीनगर शहर के बादामीबाग छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर सभी प्रकार के यातायात को रोक दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारी विस्फोट बाद विश्लेषण के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हमला किन हालात में हुआ, उसे समझने के लिए सीआरपीएफ और पुलिस एक विस्तृत जांच करेंगी। अधिकारियों ने कहा कि एक बार में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरित होने के पीछे खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का बंद होना है। काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे निकला था।