नई दिल्ली (एजेंसी)। दुनिया में शांति स्थापित करने समेत कई अहम मुद्दों पर फैसलों लेने वाला संयुक्त राष्ट्र मौजूदा समय में बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के पास नकदी की इतनी कमी हो गई है कि उसे अब अपने परिसर के एयर कंडीशनर यूनिट और लिफ्ट तक को बंद करना पड़ा है। इमारत में शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक हीटर और एसी बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही परिसर में मौजूद फव्वारों और वाटर कूलर को भी बंद कर दिया गया है। कोई नई भर्तियां नहीं हो रही हैं, सामान की खरीद बंद है, कोई कॉन्फ्रेंस भी नहीं हो रही है। आधिकारिक दौरे कम कम किए गए हैं। ऐसा पैसा बचाने के लिए किया जा रहा है। इन सबका असर संयुक्त राष्ट्र के कामकाज पर पड़ रहा है।
पिछले कुछ सालों के सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहे संयुक्त राष्ट्र के बजट संबंधी अधिकारियों ने शुक्रवार को ऐसे आदेश दिए हैं, ताकि संयुक्त राष्ट्र का कामकाज चलता रहे। आर्थिक संकट के कारण दुनिया भर में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के दफ्तरों में कटौती की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने सार्वजनिक रूप से उन देशों के बारे में नहीं बताया है जिन्होंने अपने भुगतान को मंजूरी नहीं दी है। सूत्रों के मुताबिक, उन देशों में अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, मैक्सिको और ईरान शामिल हैं। 64 देशों के पास संयुक्त राष्ट्र का पैसा बकाया है।
बकायेदार देशों की सूची में वेनेजुएला, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इजरायल और सऊदी अरब भी शामिल हैं। अमेरिका अकेले ही संयुक्त राष्ट्र को सबसे अधिक आर्थिक मदद देता है। वह उसके कुल बजट का करीब 22 फीसदी हिस्सा देता है। लेकिन इस समय वही संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा बकायेदार है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में चेतावनी देते हुए कहा था कि यह वैश्विक संस्था 23 करोड़ डॉलर के घाटे में चल रही है और इस महीने के अंत तक उसका पैसा खत्म हो सकता है। समाचार एजेंसी एएफपी ने संयुक्त राष्ट्र के 37 हजार कर्मचारियों के नाम लिखी महासचिव गुतरेस की चिट्ठी के हवाले से बताया था कि उनके वेतन तथा भत्ते सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे।