नई दिल्ली(एजेंसी): अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपका एंप्लॉयर सरकार की बताई गई कुछ शर्तों के अंतर्गत आता है तो आपको अगले 3 महीने के लिए अपनी सैलरी के पीएफ खाते के अंशदान की चिंता नहीं करनी होगी. अगले तीन महीनों के लिए आपकी सैलरी से पीएफ (Provident Fund) का पैसा नहीं कटेगा बशर्ते इन नियमों को आपका नियोक्ता पूरा करता हो.
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भारत सरकार ने कहा है कि अगले तीन महीनों के लिए नियोक्ता और कर्मचारी (12 फीसदी प्रत्येक) के योगदान का भुगतान करेगी. यदि आपकी स्थापना में 100 कर्मचारी हैं और उनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15000 रुपये महीना से कम कमाते हैं. यह आपको वित्तीय रूप से लाभान्वित करेगा और आपके पेरोल पर कर्मचारियों की निरंतरता को भी बनाए रखेगा. कृपया इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सभी कर्मचारियों को वेतन देना और समय पर ईसीआर दाखिल करना सुनिश्चित करें.
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जिन संस्थानों में कम से कम 100 कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी 15,000 रुपये से कम है तो आपको सरकार के इस फैसले का फायदा मिल सकता है. अगले तीन महीनों के लिए आपकी सैलरी में से जाने वाले 12 फीसदी के आपके योगदान और 12 फीसदी एंप्लॉयर के होने वाले योगदान को सरकार की तरफ से दिया जाएगा.
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बीती 26 मार्च को केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (एंप्लाई प्रॉविडंट फंड) खातों में अगले तीन महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के ही हिस्से की रकम डालने की घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दिन कहा था कि छोटी इकाइयों को राहत देने के लिए सरकार अगले तीन महीने तक इन संस्थानों के एंप्लॉयर और एंप्लाई दोनों के प्रोविडेंट फंड का योगदान जमा करेगी. इस स्कीम के तहत तीन महीने तक ईपीएफ खातों में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के प्रॉविडेंट फंड के हिस्से का अंशदान सरकार अपने पास से जमा करेगी.
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माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 4 लाख ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर की यूनिट्स को फायदा मिलेगा और इसके कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड में रकम न डाले जाने का फायदा मिलेगा. मोटे तौर पर माना जा रहा है कि देश के करीब 80 लाख कर्मचारियों को सरकार के इस कदम का फायदा मिलेगा. नियमों के मुताबिक एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड खातों में एंप्लॉई और एंप्लॉयर की ओर से वेतन के 12-12 फीसदी के बराबर अंशदान किया जाता है. इसमें से एक हिस्सा कर्मचारी के पेंशन खाते में जाता है.
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