नई दिल्ली(एजेंसी): गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से कानपुर लाते वक्त शुक्रवार को एनकाउंटर में मारा गया, लेकिन इस एनकाउंटर पर कई सवाल उठ रहे हैं. मामले में उज्जैन के एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी का वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में एडिशनल एसपी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हो सकता है विकास कानपुर पहुंचे ही नहीं. मामले में सियासत भी तेज है. समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर सबूत मिटाने का आरोप लगाया है, वहीं बीएसपी और कांग्रेस ने न्यायिक जांच की मांग की है. इस आरोप पर बीजेपी ने कहा है कि विकास दुबे का रिश्ता समाजवादी पार्टी से था.
प्रियंका गांधी ने कहा है कि उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है. राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है. कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई. कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच करानी चाहिए.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैं प्रियंका जी से पूर्णतः सहमत हूं. उत्तर प्रदेश की सरकार न्यायिक जांच नहीं करायेगी कॉंग्रेस पार्टी को उच्चतम न्यायालय में तत्काल न्यायिक जांच के लिए पीआईएल दाखिल कर देना चाहिए. टर्म ऑफ रिफरेंस तय करने के लिए एआईसीसी के लीगल डिपार्टमेंट को ज़िम्मेदारी देना चाहिए.
राहुल गांधी ने विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि कई जवाबों से अच्छी है ख़ामोशी उसकी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुये यूपी सरकार को घेरा है. सपा मुखिया ने ट्वीट कर कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है बल्कि राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई है.
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने और उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय उच्चतम न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.’
यही नहीं यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट के जरिये विकास दुबे के एनकाउंटर की आशंका जताई थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि विकास दूबे का सरेंडर हो गया. हो सकता है कल वह UP पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे, मारा जाये. इस तरह विकास दूबे चैप्टर क्लोज हो जायेगा, किन्तु मेरी निगाह में असल जरुरत इस कांड से सामने आई UP पुलिस के अन्दर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उसपर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है.
यूपी एसटीएफ ने बयान किया है. बयान के अनुसार गाय भैसों का एक झुंड सामने आ गया था, जिससे हादसा हुआ. इसका फायदा उठाकर विकास हथियार छीनकर भागने लगा, पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह फायरिंग करता रहा. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें विकास को गोली लगी और अस्पताल ले जाने पर उस मृत घोषित कर दिया गया.
गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ने कहा है कि उसके पति ने गलत किया था और उसके साथ यही होना था. दुबे के अंतिम संस्कार के वक्त उसकी पत्नी रिचा ने मीडिया कर्मियों से काफी नाराजगी से बात की. उसने एक सवाल पर कहा “हां, हां, हां, विकास ने गलत किया था और उसके साथ यही होना था.” रिचा ने दुबे का अंतिम संस्कार कवर करने आए मीडिया कर्मियों पर गुस्सा उतारा और उन्हें वहां से चले जाने को कहा. उसने दुबे की मुठभेड़ में मौत के लिए मीडिया को जिम्मेदार बताया.
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले पर उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने विकास दुबे के एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा, पहले विकास दुबे से सरेंडर करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने पुलिसवालों को जान मारने की नियत से फायरिंग की. जिसके बाद बचाव में पुलिस ने उसपर गोली चलाई.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा विकास दुबे को गिरफ्तार किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ पुलिस उसे कानपुर लगा रही थी. कानपुर पहुंचने से पहले पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई. दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिसवालों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. पुलिस टीम ने उसे घेरकर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया. लेकिन वह नहीं माना और जान से मारने की नियत से पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगा. इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें वह घायल हो गया. उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हुए, एसटीएफ के दो कर्मी घायल हुए.
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कानपुर के बिकरू गांव के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई बांटी. उनका कहना है कि पूरा इलाका आज बहुत खुश हैं. गांव के लोकल लोगों ने कहा कि वे ऐसा महसूस कर रहे हैं कि वे आजाद है. ये आतंक के युग का अंत है.
शुक्रवार को बम निरोधक दस्ता बिकरू गांव पहुँचा, तलाशी अभियान के दौरान 7 हथगोले बरामद हुए. बम निरोधक दस्ते ने पूरे बिकरू गांव में घूम घूम कर तलाशी की. पुलिस को लगता है कि और भी बम या हथियार बरामद हो सकते हैं. उनके साथ पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे. एक बार फिर से विकास दुबे के घर की तलाशी ली गई और कमरों को खंगाला गया.
बिकरु गांव में पुलिस की टीम पहुंची और लाउडस्पीकर से बताया गया कि जिस भी शख्स को 2 तारीख की घटना के बारे में जो पुलिस के हथियार लूटे गए थे उसके बारे में अगर कोई जानकारी है तो पुलिस को बताए जानकारी है और अगर नही बताया गया तो करवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर जबरदस्त हमला करते हुये विकास और उसके गैंग ने आठ पुलिसकर्मियों को मार दिया था. इस घटना के बाद से विकास दुबे को यूपी एसटीएफ की टीम समेत तमाम अन्य राज्यों को भी अलर्ट कर दिया गया था.