वॉशिगटन: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा रखी है. बड़े-बड़े देशों की अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल दिया है. इस महामारी के खतरे से निपटने के लिए दुनियाभर के तमाम देश वैक्सीन तैयार करने में लगे है. इस बीच कोरोना वायरस के स्त्रोत का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक टीम चीन भेजने का फैसला लिया है. डब्ल्यूएचओ अपनी एक टीम अगले हफ्ते चीन भेज रहा है. ये टीम महामारी फैलाने वाले वायरस के जन्मस्थान का पता लगाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने सोमवार को कहा, “हमें कोरोना वायरस के बारे में सब कुछ पता लगाना होगा, तभी हम बेहतर तरीके से लड़ पाएंगे. ये भी पता लगाना आवश्यक है कि आखिर ये आया कहां से है. इसके लिए अगले हफ्ते हम एक टीम चीन भेज रहे हैं. उम्मीद करते है कि हम वायरस के असल स्त्रोत को समझ पाएंगे.”
जब से नोवल कोरोनो वायरस महामारी, जिसे कोविड-19 के रूप से भी जाना जाता है, दुनिया में फैली है, तब से सभी निगाहें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पर आकर टिकी हुई हैं. ऐसा माना जाता है कि ये वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से दुनियाभर में फैला है.
पिछले साल दिसंबर में यहां कोरोना का पहला मामला सामने आया था, तब से वैज्ञानिक वायरस के उद्गम का पता लगाने लगे, ताकि वैक्सीन तैयार किया जा सके. इस बीच, यह शक जताया जाने लगा कि यह चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से ‘लीक’ हुआ है. जबकि यहां के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस प्रकृति में पैदा हुआ है, न कि मानव-निर्मित है.
इस कोरोना वायरस ने अब तक वैश्विक स्तर पर 1 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और करीब साढ़े 5 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस कोरोना महामारी ने दुनिया भर में लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्थाओं की हालत पतली कर दी है.