नई दिल्ली (एजेंसी)। फेसबुक के सह संस्थापक और मार्क जुकरबर्ग के पूर्व रुममेट क्रिस हग्स ने दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क को बंद करने की बात की है। उन्होंने अपने विचार गुरुवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में व्यक्त किए। हग्स ने अमेरिका के उन सांसदों का साथ दिया है जिन्होंने गोपनीयता विनियमन को तोड़ने के लिए फेसबुक के खिलाफ अविश्वास की कार्रवाई करने का आग्रह किया है। फेसबुक अपने डाटा शेयरिंग प्रैक्टिस, हेट स्पीच और गलत जानकारी के कारण दुनियाभर में जांच के अधीन रहा है। हग्स ने लिखा, ‘हम एक ऐसे राष्ट्र से हैं जहां एकाधिकार की परंपरा है फिर चाहे इन कंपनियों के नेता कितने भी अच्छे इरादे से क्यों न हों। मार्क की शक्ति अभूतपूर्व और गैर-अमेरिकी है।’ फेसबुक के सोशल नेटवर्क में दुनियाभर में 2 बिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। उसके पास वाट्सऐप, मैंसेजर और इंस्टाग्राम का मालिकाना हक है। जिसे एक बिलियन से ज्यादा यूजर्स इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक ने 2012 में इंस्टाग्राम और 2014 में वाट्सऐप को खरीदा था।
सांसद एलिजाबेथ वारेन जो डेमोक्रेटिक की राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं उन्होंने मार्च में फेसबुक को बंद करने की शपथ ली थी। गुरुवार को हग्स ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज बड़ी टेक कंपनियों के पास हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे समाज और हमारे लोकतंत्र पर बहुत ज्यादा पकड़ है। उन्होंने प्रतिस्पर्धा को धराशायी कर दिया है। हमारी निजी जानकारी को मुनाफे के लिए इस्तेमाल किया, छोटे व्यावसायियों को दुख पहुंचाया और कठोर नवाचार किया। यह समय टेक से रिश्ता तोड़ने का है।’
हग्स ने 2004 में हार्वर्ड कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जुकरबर्ग और डस्टिन मॉस्कोविट्ज के साथ फेसबुक की सह-स्थापना की थी। उन्होंने 2007 में फेसबुक छोड़ दिया था।
हग्स ने कहा, ‘हार्वर्ड में फेसबुक की स्थापना किए 15 साल हो चुके हैं और मैंने कंपनी में एक दशक से काम नहीं किया। लेकिन मुझे गुस्से और जिम्मेदारी का अहसास है।’ वह 2008 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बराक ओबामा के ऑनलाइन रणनीतिकार बन गए थे। पिछले कुछ समय में कई ऐसी बाते सामने आई है जिससे कि फेसबुक की साख को धक्का लगा है। फेसबुक पर 87 मिलियन यूजर्स के बारे में ब्रिटिश राजनीतिक परामर्श कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका को जानकारी देने का आरोप है।