नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार भारत को जम्मू-कश्मीर के मसले पर परमाणु युद्ध की धमकी देते रहते हैं। लेकिन पड़ोसी मुल्क को ये भी याद रखना चाहिए कि ऐसा करने की अभी उनके पास आर्थिक शक्ति नहीं है। पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अपने शुरुआती एक साल में ही एक नया रिकॉर्ड बना दिया है, ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के लिए कर्ज लेने का है।
पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सरकार के एक साल के पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अपने शुरुआती एक साल में ही एक नया रिकॉर्ड बना दिया है, ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के लिए कर्ज लेने का है। कार्यकाल में देश के कुल कर्ज में 7509 अरब (पाकिस्तानी) रुपये की वृद्धि हुई है। कर्ज के यह आंकड़े स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भिजवा दिए हैं।
अगस्त 2018 से अगस्त 2019 के बीच विदेश से 2804 अरब रुपए का और घरेलू स्रोतों से 4705 अरब रुपए का कर्ज लिया गया।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों में पाकिस्तान के सार्वजनिक कर्ज में 1.43 फीसदी का इजाफा हुआ है। फेडरेल सरकार का यह कर्ज बढ़कर 32,240 अरब रुपए हो गया है। अगस्त 2018 में यह कर्ज 24,732 अरब रुपए था।
मीडिया रिपोर्ट में आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीने में सरकार का कर संग्रह 960 अरब रुपए का रहा जोकि एक ट्रिलियन रुपए के लक्ष्य से कम है। इमरान खान जब पाकिस्तान की सत्ता पर विराजमान हुए थे, तो उन्होंने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निकालने की बात कही थी लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हो पा रहा है।