नई दिल्ली (एजेंसी)। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुए हमलों के बाद वहां की सरकार ने बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। देश में खतरनाक हथियारों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सरकार ने बंदूकों को वापस खरीदने की योजना शुरू की है। गुरुवार से लागू की गई सरकार की इस योजना के तहत अब हथियार रखना अवैध होगा। मालूम हो कि क्राइस्टचर्च हमलों में 51 नमाजियों की हत्या कर दी गई थी। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने 15 मार्च को हुए हमलों के बाद न्यूजीलैंड के हथियार कानून को सख्त बनाने का संकल्प लिया था और उनकी सरकार ने इन तीन महीनों के दौरान इस पर काफी तेजी से काम किया।
इस योजना के बारे में पुलिस मंत्री स्टुअर्ट नैश ने बताया कि हथियारों को वापस खरीदने की इस योजना का एकमात्र उद्देश्य अलनूर और लिकुड मस्जिदों में हुई मौतों के बाद खतरनाक हथियारों का प्रसार रोकना है।
लाइसेंसी हथियार रखने वालों के पास अपने हथियार जमा कराने के लिये छह महीने का समय है। नई योजना के तहत अब हथियार रखना अवैध है और इस अवधि के दौरान हथियार जमा कराने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी। ये मोहलत खत्म होने के बाद प्रतिबंधित हथियार रखने पर पांच साल कैद तक की सजा हो सकती है।
मालूम हो कि 15 मार्च को क्राइस्टचर्च की अल-नूर-मस्जिद और लिनवुड इस्लामिक सेंटर पर हमला हुआ था जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई थी। क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर हुए हमलों के मुख्य अभियुक्त ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रेंटन टैरैंट पर कुल 92 मामले चल रहे हैं।