नई दिल्ली(एजेंसी): दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. बैठक में आज मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. वहीं, बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि इस बारे में सरकार की ओर से शाम चार बजे कैबिनेट ब्रीफिंग में जानकारी दी जाएगी.
बता दें कि कुछ महीने पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय करने का प्रस्ताव दिया था. वहीं, शिक्षा नीति को मंजूरी मिल जाने के बाद अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी, ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.
नई शिक्षा नीति के मुताबिक, आने वाले समय में शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:30 होगा. नई शिक्षा नीति में कहानी, रंगमंच,सामूहिक पठन पाठन, चित्रों का डिस्प्ले, लेखन कौशलता, भाषा और गणित पर भी जोर होगा. इस साल बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का एलान किया था. इस नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा के मायने को बदला जाएगा. इससे न सिर्फ युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी.
शिक्षा नीति का एलान करते हुए सरकार ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में एक्सटर्नल कमर्शियल बोर्रोविंग और विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे. सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. साथ ही राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव लाया जा रहा है. वहीं टॉप 100 यूनिवर्सिटीज पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करें, इसकी भी योजना तैयार हो रही है.
वहीं, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि हमारी जो नई शिक्षा नीति आ रही है, वह काफी कुछ इन बातों का समाधान करेगी. शिक्षा नीति में सरकार ने हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके साथ ही युवाओं को हायर एजुकेशन लेना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा.
पीएम मोदी आज शाम चार बजे बैंकों और एनबीएफसी के हितधारकों के साथ भविष्य के लिए विजन एवं रूपरेखा (रोडमैप) पर चर्चाएं और विचार-विमर्श करेंगे. इस विचार-मंथन सत्र के एजेंडे में शामिल विषयों में ऋण उत्पाद और वितरण (डिलीवरी) के लिए प्रभावकारी मॉडल, प्रौद्योगिकी के जरिए वित्तीय सशक्तिकरण और वित्तीय सेक्टर के स्थायित्व और निरंतरता के लिए विवेकपूर्ण तौर-तरीके शामिल हैं.