दुर्ग, (एजेंसी)। दुर्ग नगर निगम के 24 एमएलडी क्षमता वाले फिल्टर प्लांट से गुरुवार की सुबह जहरीली क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया। इस रिसाव के कारण यहां कार्य कर रहे 10 कर्मचारी हताहत हो गये जिसमें दो की हालत गंभीर है। घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही नगर निगम सहित पूरे शहर में हड़कंप मच गया।
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल, महापौर चंद्रिका चंद्राकर, आयुक्त लोकेश्वर साहू सहित कई और जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौके पर पहुंच गये। उसके बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के जलशोधन संयंत्र के सुरक्षा अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाया गया। बीएसपी से आये अधिकारी व कर्मचारी साढ़े तीन घंटे मशक्कत करने के बाद इस गैस रिसाव को बंद करने मे सफल हुए, तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली। बताया जाता है कि फिल्टर प्लांट में लगे जहरीले क्लोरीन गैस के 9 सौ किलोग्राम के सिलेण्डर का वाल्व ढीला हो गया था जिसके कारण गैस रिसाव हुआ।
इस जहरीले गैस रिसाव से हताहत सभी कर्मचारी नगर निगम के राजस्व व सफाई विभाग के कर्मचारी हैं, जो अप्रशिक्षित है। इस घटना में नगर निगम के अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है, जो अप्रशिक्षित कर्मचारियों से इतना खतरनाक काम ले रहे थे।
सिलेण्डर से हो रहे गैस रिसाव को भारी मशक्कत के बाद अपने टीम के साथ बंद करने वाले भिलाई इस्पात संयंत्र के जलशोधन संयंत्र विभाग के सुरक्षा अधिकारी शेष नारायण सिंह ने बताया कि सिलेण्डर में कीट लगाकर गैस रिसाव को बंद किया गया है।
इस घटना को कलेक्टर उमेश अग्रवाल निगम के कार्यशैली से भारी नाराज़गी जताई। उन्होने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। वहीं महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने भी घटना को गंभीर बताते हुए फील्टर प्लांट के नोडल अधिकारी आर.के. जैन को हटाने के आदेश दिए है। जहरीले क्लोरीन गैस के रिसाव की घटना ने फील्टर प्लांट में नगर निगम की व्यवस्थाओं एवं लापरवाही की पोल खोल दी है।
बीएसपी जलशोधन संयंत्र के सुरक्षा अधिकारियों ने जब फील्टर प्लांट की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो उन्हें भारी खामियां व लापरवाही बरते जाने की जानकारी मिली। फील्टर प्लांट में गैस रिसाव से निपटने नगर निगम के पास कोई भी साधन नहीं है। कर्मचारी ट्रेंड नहीं है। यहां तक फिल्टर प्लांट में क्लोरीन गैस की सिलेण्डरें एक्सपायरी डेट की मिली। जिस पर बीएसपी जलशोधन संयंत्र विभाग के सुरक्षा अधिकारियों ने भारी नाराजगी जताते हुए बड़ी लापरवाही बताया है। इस दौरान अधिकारियों की ओर से नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को फील्टर प्लांट में आवश्यक नियम व निर्देशों के पालन के संदर्भ में बिंदुवार जानकारी भी दी गई।