वॉशिंगटन: अमेरिका के बड़े संक्रामक रोग वैज्ञानिक डॉ. एंथनी फॉसी ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप 1918 में आए स्पैनिश फ्लू से भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है, जिसमें 5 करोड़ मौतें हुई थी. प्रथम विश्व युद्ध के बाद स्पैनिश फ़्लू महामारी के चलते दुनिया भर में 5 से 10 करोड़ लोग मारे गए थे और डॉ फॉसी इस बात से चिंतित हैं कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है.
डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा कि स्पैनिश फ्लू दुनिया की सबसे भयावह महामारी थी. मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसी स्थिति कोरोना के साथ न आए, लेकिन इसने शुरुआत कर दी है.
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के एक ऑनलाइन कार्यक्रम में डॉ. एंथनी फॉसी ने छात्रों से बात की और वायरस के खिलाफ लड़ाई की गंभीरता की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक गंभीर स्थिति है. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण था कि युवा लोग समस्या का हिस्सा न बनें.
स्पेनिश फ्लू महामारी ने पूरी दुनिया में 102 साल पहले दस्तक दी थी और उस वक्त पूरी दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी इससे प्रभावित हुई थी. अमेरिका में रोग नियंत्रण केंद्र के मुताबिक, ‘‘हाल के इतिहास में 1918 की महामारी सबसे खतरनाक थी. यह एच1 एन1 वायरस के कारण फैला था.’’ अमेरिका में इस बीमारी से अनुमानत: छह लाख 75 हजार लोगों की मौत हुई थी.
भारत में माना जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध से लौटे सैनिकों के साथ यह वायरस आया था. समझा जाता है कि पूरी दुनिया में इस बीमारी से जितने लोगों की मौत हुई थी, उसके पांचवें हिस्सा के बराबर भारत में मौत हुई थी.
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगे तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अरिजोना, टेक्सास, फ्लोरिडा में एक दिन में कुल 25,000 नए मामले सामने आए हैं.
मास्क पहनने की अनिवार्यता, लॉकडाउन, चिकित्सकीय जांच और अलग रहने के आदेश बताते हैं कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और हालात उतनी जल्दी सामान्य होने की संभावना नहीं है, जिसका कुछ सप्ताह पहले कई नेताओं ने अंदाजा लगाया था.
अलबामा में कोविड-19 से एक दिन में 40 लोगों की जान जाने के बाद मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया. टेक्सास में बुधवार को संक्रमण के रिकॉर्ड 10,800 नए मामले सामने आए, जहां रिपब्लिकन गवर्नर ग्रेग अबॉट लगातार मुंह ढकने पर जोर दे रहे हैं ताकि एक और लॉकडाउन से बचा जा सके.