बीजिंग: भारत में चीनी सामान के बहिष्कार से चीन में उसकी घबराहट साफ दिखा जा सकती है. चीन ने कहा है कि भारतीय मुश्किल से ही चीन के सामानों का बायकॉट कर सकते हैं. चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में लद्दाख के समाजसेवी सोनम वांग्चुक पर भी निशाना साधा गया है. अखबार का दावा है कि भारतीयों के लिए चीन के सामान का बहिष्कार करना संभव नहीं है. चीन के दंभ को चकनाचूर करती ये खबर उसी अखबार ने छापी है जो दुनियाभर में चीन का प्रोपगैंडा फैलाने के लिए बदनाम है.
चीन की बेचैनी का सीधा मतलब ये है कि पीएम मोदी की अपील पर लोकल के लिए वोकल की जो गूंज उठी है उसका शोर चीन की शी जिनपिंग सरकार के कानों तक पहुंच चुका है. चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में लिखा है, “भारत में चीन विरोधी सुर भारत के राष्ट्रवादियों के लगातार चीन के खिलाफ बयानबाजी का है. जो चीन बहिष्कार की बातें हो रही है. चीनी सामान का विरोध करना बहुत मुश्किल है वो भी तब जब वो व्यापक तौर पर भारतीयों की जिंदगी से जुड़े हैं, इन्हें बदला नहीं जा सकता.”
आत्मनिर्भर भारत का मंत्र देने वाले लद्दाख के मशहूर शिक्षाविद सोनम वांग्चुक का जिक्र भी चीन के सरकारी मुखपत्र में हो रहा है. सोनम वांग्चुक ने ही भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच बुलेट की जगह वॉलेट से चीन को सबक सिखाने की सलाह दी है. सोनम वांग्चुक जिनका काम 3 इडियट्स फिल्म में दिखाई देता है वो सोशल मीडिया पर चीन के सामान और एप्स का विरोध कर रहे हैं.
दुनिया को कोरोना को संकट में डालकर चीन पड़ोसियों के बीच में खलबली करने के सपने पाल रहा था लेकिन इस बार भारत ने चीनी सपने को पनपने ही नहीं दिया. चीन की छटपटाहट की वजह उसका भारत से होने वाला व्यापार भी है.
साल 2018-19 में भारत ने चीन से 4.92 लाख करोड़ का सामान आयात किया. तो बदले में भारत ने चीन को सिर्फ 1.17 लाख करोड़ का सामान निर्यात किया. यानी भारत को 3.75 लाख करोड़ का व्यापार घाटा हुआ.
भारत चीन व्यापार में घाटे का ये सौदा सालों से चला आ रहा है लेकिन देश में अब जिस तरह से चीन के खिलाफ गुस्से की लहर चल रही है उससे उम्मीद है कि घाटे का ये सौदा और ज्यादा दिन ना चलें.
कोरोना संकट में दुनियाभर के देश चीन के रवैये से खफा है और कई देशों ने भारत में निवेश की दिलचस्पी भी दिखाई है… ऐसे में ग्लोबल टाइम्स क खबर बता रही है कि चीन का गुमान अब टूटने वाला है.