RBI गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, कर सकते हैं अहम एलान

नई दिल्ली(एजेंसी): रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ बड़े एलान कर सकते हैं. वहीं ऐसा भी हो सकता है कि आरबीआई लोन के मोराटोरियम की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ा दे.

पिछले कई दिनों से इस बात की सुगबुगाहट है कि रिजर्व बैंक लोन के मोराटोरियम से जुड़ी राहत को तीन महीने यानी अगस्त तक के लिए बढ़ा सकता है. फिलहाल मार्च से लेकर मई तक के लिए लोन के मोराटोरियम की सुविधा दी जा चुकी है और इस सुविधा का कई ग्राहक लाभ ले भी चुके हैं.

बता दें कि देश में कोरोना वायरस के चलते दो महीने से लॉकडाउन चल रहा है और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो चुका है. अर्थव्यवस्था को चलाने और लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुल 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया जा चुका है जिसमें आरबीआई द्वारा पहले के उठाए गए कदम भी शामिल हैं.

इससे पहले आरबीआई ने 27 अप्रैल को एलान कर म्यूचुएल फंड निवेशकों को स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी के तहत 50 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया था. वहीं 17 अप्रैल को भी आरबीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और इसमें एनबीएफसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिये 50 हजार करोड़ रुपये के टारगेटेड एलटीआरओ की घोषणा की थी. वहीं इसके साथ नाबार्ड, सिडबी और राष्ट्रीय आवास बैंक के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की विशेष व्यवस्था की थी.

इन फैसलों के तहत नाबार्ड को 25,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई थी. नेशनल हाउसिंग बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई थी. SIDBI को 15 हजार करोड़ रुपये की मदद का एलान किया गया था. ये कदम आरबीआई के राहत उपायों की दूसरी किस्त के रूप में दिए गए थे. इसके अलावा इसी दिन आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 3.75 फीसदी कर दिया था.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इससे पहले 27 मार्च को रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती का एलान किया था. रेपो रेट को 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी किया गया था. रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती की थी और इसे 4.90 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया था. वहीं बैंकों का सीआरआर भी 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया था. इसके अलावा बैंकों को भी कहा था कि वो ग्राहकों के लिए तीन महीने की ईएमआई टालने का विकल्प दें.

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