नई दिल्ली(एजेंसी): पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार सुबह लेह-लद्दाख और आगे के स्थानों का दौरा किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यह दौरा हिंसक संघर्ष के बमुश्किल 18 दिन बाद किया है.
जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपकी वीरता और शौर्य को पूरा देश सलाम कर रहा है. आपकी वीरता गाथाएं चारो तरफ गूंज रही हैं. उन्होंने कहा ये धरती वीर भोग्या है, वीरों के लिए है. पीएम ने कहा कि हमारा संकल्प हिमालय जितना ऊंचा है. आपका सामर्थ्य आपकी आंखों में नजर आता है. उन्होंने कहा कि आपका साहस उससे भी ऊंचा है जहां आप तैनात हैं.
पीएम ने कहा कि आप सब जब सरहद पर डटे हैं तो यही बाक सभी देशवासियों को दिन भर काम करने की प्रेरणा देती है. उन्होंने कहा कि आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखाई है उसने पूरी दुनिया में संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है.
पीएम ने कहा कि हम वो लोग हैं जो बांसुरी वाले कृष्ण की पूजा करते हैं तो सुदर्शन चक्रधारी वाले रूप को भी अपना आदर्श मानते हैं. इस तरह के आक्रमणों से भारत और सशक्त बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि कमजोर कभी शांति की पहल नहीं कर सकता. वीरता ही इसकी शुरुआत होती है.
पीएम ने कहा कि भारत आज नभ, जल थल में अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे एकमात्र लक्ष्य मानव कल्याण है. उन्होने कहा कि विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात हो तो लोगों ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति के लिए हमारे प्रयासों को भी देखा है.
मोदी अलसुबह लद्दाख पहुंचे. समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक दुर्गम इलाके नीमू में उन्हें सेना, वायु सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर सारी जानकारियां दी गईं. यह इलाका सिंधु के तट पर जांस्कर रेंज से घिरा हुआ है.
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लद्दाख की अपनी यात्रा को रद्द करने के ठीक एक दिन बाद यहां मोदी का दौरा हुआ है. सिंह को शुक्रवार को सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का दौरा करना था. 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा किए गए बर्बर हमले के दौरान घायल हुए सैनिकों के साथ भी वे बातचीत करने वाले थे. इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हुए और चीनी सेना के भी कई लोग हताहत हुए, लेकिन चीन ने अब तक आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है.
इस हमले के दो दिन बाद 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गलवान घाटी में लड़ाई के दौरान शहीद हुए 20 सैनिकों का बलिदान “व्यर्थ नहीं जाएगा”.
उन्होंने यह भी कहा था कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाए जाने पर वह “मुंहतोड़ जबाव” देगा. मोदी ने कहा था, “भारत की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए सर्वोच्च है और कोई भी हमें इसका बचाव करने से नहीं रोक सकता है. किसी को भी इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए. भारतीय सैनिक मारते मारते मरे हैं.”
मोदी ने यह भी कहा कि पूरा देश उन लोगों के परिवारों के साथ है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया. उन्होंने आगे कहा था, “भारत अपने क्षेत्र के प्रत्येक इंच की रक्षा करेगा. भारत एक शांतिप्रिय देश है जिसने हमेशा पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखने की कोशिश की है.”