नई दिल्ली (एजेंसी). इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की अगली बैठक में सदस्य देशों के सांसद हिस्सा ले सकते हैं न कि विदेश मंत्री. पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि विदेश मंत्रियों के स्तर पर ही ओआईसी की बैठक होगी लेकिन अब जानकारी मिली है कि इसमें सदस्य देशों के सांसद ही हिस्सा लेंगे.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कश्मीर मुद्दा जोर-शोर से उठाते रहे हैं. ऐसे में अगर विदेश मंत्री ओआईसी की बैठक में शामिल नहीं किए जाते हैं तो कश्मीर के खिलाफ पाकिस्तानी प्रोपगैंडा की धार कुंद पड़ने की संभावना है. भारतीय विदेश मंत्रालय की यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
ओआईसी की अगली बैठक अप्रैल 2020 में होनी है जिसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. इसकी तारीख तय होना बाकी है. हालांकि यह बैठक सऊदी अरब में नहीं होगी, जैसा कि पहले बताया गया था. अब इसके इस्लामाबाद में आयोजित होने की संभावना है. सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच हुई मुलाकात में इस पर फैसला होना बताया जा रहा है. सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल अभी हाल में इस्लामाबाद दौरे पर गए थे. बता दें, ओआईसी 57 देशों का संगठन है जिसकी बैठक में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जाती है.
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बारे में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, बैठक में शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाना, नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का मुद्दा उठाया. कुरैशी ने ‘भारत में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को निशाना बनाए जाने’ की भी बात कही. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया कि ‘दोनों विदेश मंत्रियों ने कश्मीर के मसले में ओआईसी की क्या भूमिका हो सकती है, इस पर भी बात की.’