नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) नहीं खोज पाया। नासा ने कहा है कि अब हम विक्रम लैंडर को दोबारा अक्टूबर में खोजने का प्रयास करेंगे। नासा LRO के वैज्ञानिकों ने बताया है कि विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 600 किमी दूर गिरा था। 17 सितंबर को LRO ने उस इलाके के ऊपर से उड़ान भरी। लेकिन शाम का माहौल होने की वजह से उस जगह की सही तस्वीर नहीं आ पाई है। इसलिए हम विक्रम लैंडर को खोज नहीं पाए। इसे दोबारा अक्टूबर में खोजने का प्रयास करेंगे, जब वहां पूरी रोशनी होगी।
इधर, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बेहतरीन काम कर रहा है। उसके सारे पेलोड (यंत्र) सही तरीके से काम कर रहे हैं। ऑर्बिटर ने चांद की सतह को लेकर प्रयोग करने शुरू कर दिए हैं। हमें लैंडर से कोई सिग्नल नहीं मिला है। लेकिन हमारा ऑर्बिटर अभी भी चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए उम्दा प्रदर्शन कर रहा है।