नई दिल्ली(एजेंसी): लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को नहीं बुलाए जाने पर राजद के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. राजद के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि राजद को इस सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाया गया है.
तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है और संसद में इसके 5 सांसद हैं लेकिन हमें आज की सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है. हम चाहते हैं कि राजनाथ सिंह जी स्पष्ट करें कि राजद को आमंत्रित क्यों नहीं किया गया है.
इधर, राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, “ये आश्चर्य की बात है. प्रधानमंत्री की ओर से खबर आई थी कि सर्वदलीय बैठक सभी पार्टी के नेताओं को बुलाकर होगी और चीन के साथ जो हमारा मसला है, उस पर बातचीत होगी, लेकिन क्षेत्रीय पार्टी को क्यों अलग रखा जा रहा है?”
इस बीच, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने तेजस्वी यादव को ऐसे मुद्दे पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, “राजद को हर सवाल पर सियासत करने की आदत बन गई है आज देश की सुरक्षा और संप्रभुता का सवाल है, लेकिन राजद ने फिर से एक बार ओछी सियासत का नमूना सामने रखा है, जिसकी इस मामले पर कोई गुंजाइश नहीं है.”
हिंसक झड़प के बाद लाइन ऑफ एक्चुएल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बना हुआ है और इसी बीच भारत-चीन सीमा के हालात पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय वर्चुअल बैठक बुलाई है. ये बैठक आज शाम 5 बजे होगी. इस वर्चुअल बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे.
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, एम के स्टालिन, नीतीश कुमार, मायावती, सीताराम येचुरी, डी राजा, चंद्रबाबू नायडू, जगनमोहन रेड्डी, चिराग पासवान शामिल होंगे. बता दें कि ममता बनर्जी ने बुधवार को ही कहा था कि इस समय वो राष्ट्र के साथ खड़ी हैं और सब मिलकर इस स्थिति से लड़ेंगे.
देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर खड़ी हुई चुनौती के मसले पर पिछले चार वर्षो में यह तीसरी बार सर्वदलीय बैठक होने जा रही है. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के दो दिन बाद ही केंद्र सरकार ने 16 फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. तब गृहमंत्री की हैसियत से राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.
वहीं, इससे पहले 18 सितंबर 2016 को कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर भीषण आतंकी हमला हुआ था. दो दशक में पहली बार हुए इस तरह के आतंकी हमले में 18 जवानों के शहीद होने पर भी देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. तब भी सर्वदलीय बैठक हुई थी. इस बैठक की अध्यक्षता भी तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी. खास बात है कि पुलवामा पर सर्वदलीय बैठक जवाबी कार्रवाई एयर स्ट्राइक से पहले हुई थी, जबकि उरी हमले पर हुई यह बैठक 28 सितंबर 2016 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक के एक दिन बाद 29 सितंबर को हुई थी.