नई दिल्ली (एजेंसी). अमेरिकी (USA) राजदूत केन जस्टर समेत 16 देशों के राजनयिक बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) जाएंगे। 5 अगस्त को राज्य से विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Artical 370) को हटाए जाने के बाद विदेशी राजनयिकों का यह पहला आधिकारिक दौरा होगा। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली स्थित दूतावासों में तैनात ये राजनयिक बृहस्पतिवार को पहले श्रीनगर जाएंगे और वहां पर रात्रि प्रवास करेंगे। इसके बाद अगले दिन जम्मू जाएंगे। ये सभी राजनयिक दौरे के दौरान उपराज्यपाल जीसी मुर्मू और सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। अमेरिका के अलावा प्रतिनिधिमंडल में बांग्लादेश, वियतनाम, नार्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरक्को, नाइजीरिया और अन्य देशों के राजनयिक भी शामिल होंगे। ब्राजील के राजदूत को भी राज्य के दौरे पर जाना था लेकिन दिल्ली में अपनी व्यस्तता के चलते उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
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यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों ने सरकार को अवगत कराया कि वे किसी अलग तिथि को इस केंद्र शासित राज्य का दौरा करेंगे। साथ ही इन देशों के राजनयिकों ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात कराने पर जोर दिया है जिस पर सरकार विचार कर रही है।
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अधिकारियों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को राज्य के दौरे पर जाने वाले राजनयिक सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और उन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा राज्य के सुरक्षा हालात के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि कई देशों के राजनयिकों ने सरकार से कश्मीर के दौरे का अनुरोध किया था। यह दौरा कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रोपगेंडा की हकीकत से विदेशी राजनयिकों को अवगत कराने की सरकार की कोशिशों के तहत हो रहा है।
इससे पहले यूरोपीय संघ के 23 सांसदों ने राज्य का दौरा कर हालात की जानकारी ली थी। हालांकि इस दौरे की व्यवस्था एक गैर सरकारी एनजीओ की ओर से की गई थी।
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