नई दिल्ली (एजेंसी)। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने अब समझौता एक्सप्रेस रोक दी है। ये जानकारी पाकिस्तान मीडिया के हवाले से आ रही है। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत से राजनयिक संबंधों में कमी की थी।
पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ भेजने से मना कर दिया है। इस मामले पर अटारी अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के सुपरिंटेंडेंट अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि आज पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस को भारत आना था, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान से संदेश आया कि भारतीय रेल अपने ड्राइवर और क्रू मेंबर को भेजकर समझौता एक्सप्रेस को ले जाए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रेलवे ने सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया है। अब भारतीय रेल ड्राइवर और गार्ड को जिनके पास वीजा है, उन्हें समझौता एक्सप्रेस को लेने भेजा जाएगा।
जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद इस्लामाबाद ने भारतीय विमानों के लिए 9 वायुमार्गों में से तीन मार्ग बंद कर दिए हैं। पाकिस्तान द्वारा इस साल दूसरी बार लिए गए कदम से राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया की यूरोप, अमेरिका और मध्य एशिया समेत अन्य स्थानों पर जाने वाली उड़ानें प्रभावित होंगी। इस बीच, पाक ने अपने वायु क्षेत्र से गुजरने वाली उड़ानों की न्यूनतम ऊंचाई भी बढ़ा दी है। इसके तहत खासतौर से लाहौर क्षेत्र से गुजरने वाले विदेशी विमान 46 हजार फीट से नीचे नहीं उड़ सकेंगे।
लगभग 50 उड़ानों की यात्रा का समय लगभग 10 से 15 मिनट बढ़ जाएगा। एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम जिन लंबी दूरी की यात्राओं के लिए प्रमुख मार्गों का उपयोग करते हैं, वे अभी भी खुले हुए हैं, और हमें जानकारी मिली है कि शेष वायुमार्गो को भी बंद किया जाएगा।’
जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर लगातार टांग अड़ा रहा है। जबकि भारत साफ शब्दों में इसे आंतरिक मामला बता चुका है। पाकिस्तान ने कश्मीर से 370 हटाने के फैसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। यूएन में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने इस मुद्दे को आज यूएन में उठाया। उन्होंने इस पर कहा कि आज मैंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के चीफ स्टाफ मारिया लुईसा रिबेरो वियोटी से मुलाकात की। उनके सामने कश्मीर पर भारत के फैसले के बारे में जानकारी दी और कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का अनुपाल कराने के लिए यूएन को दखल देना चाहिए।