अमरावती (एजेंसी). आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी (Jaganmohan Reddy) सरकार को चौतरफा विरोध के बाद शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य की ओर से दिए जाने वाले प्रतिभा अवार्ड में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का नाम फिर शामिल करने का फैसला लेना पड़ा. दरअसल, जगन सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर इस अवार्ड से पूर्व राष्ट्रपति का नाम हटाकर अपने पिता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शामिल कर दिया था. इसके बाद अवार्ड का नाम वाईएसआर विद्या पुरस्कारलु (YSR Vidya Puraskaralu) कर दिया गया था.
जगनमोहन रेड्डी ने राज्य की बागडोर संभालने के बाद एनटी रामा राव (पूर्व मुख्यमंत्री और चंद्रबाबू नायडू के ससुर) के नाम पर चलने वाली कई जनकल्याण योजनाओं के नाम बदलकर उनमें अपने पिता का नाम शामिल कर दिया, लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया. हालांकि, जैसे ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम एक अवार्ड से हटाकर अपने पिता का नाम शामिल किया तो उनकी चौतरफा आलोचना होने लगी. राज्य में इस पर विवाद खड़ा हो गया. विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई.
पुरस्कार उन प्रतिभाशाली छात्रों को दिए जाते हैं जिन्होंने एसएससी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं. योजना से भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का नाम हटाने को लेकर सरकार लोगों के निशाने पर आ गई. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने फैसला वापस लेते हुए कलाम के नाम को बहाल कर दिया.
बीजेपी प्रवक्ता लंका दिनकर ने जगन सरकार के इस फैसले पर सख्त एतराज जताते हुए कहा था, ‘दुख की बात है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर दिए जाने वाले अवार्ड का नाम कदल दिया है. राज्य सरकार ने ऐसा कर उनका अपमान किया है. ये गैर-कानूनी है. कलाम के साथ तेलुगु लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. हम असली हीरोज का अपमान करने वाले इस फैसले की निंदा करते हैं. आंध्र प्रदेश मुस्लिम ज्वाइंट एक्शन कमेटी के समन्वयक मुनीर अहमद ने कहा कि जगन सरकार का यह फैसला बहुत आपत्तिजनक है.