नई दिल्ली (एजेंसी)। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के हित में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शादी का प्रमाण पत्र जारी करने के दौरान वर्जिन शब्द को हटाया जाए। बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस अपमानजनक और भेदभावपूर्ण शब्द को हटाने के लिए कहा गया था।
दक्षिण एशियाई मुस्लिम देशों में शादी को लेकर बनाए गए नियम के मुताबिक तीन ऑपशन होते हैं। इन तीनों में से किसी एक चुनना होता है। ये तीन ऑपशन होते हैं- कुमारी (वर्जिन), विधुर (विडो) और तलाक।
वहां की कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए सरकार को निर्देश दिया कि वर्जिन के ऑपशन को अविवाहित के साथ रिप्लेस किया जाए। इस बात की जानकारी डिप्टी एटॉर्नी जनरल अमित तालुकदार ने दी।
याचिका दाखिल करने वाले समूह के वकील अयनुन नाहर सिद्दीका ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि इस शब्द को लेकर साल 2014 में चैलेंज किया था।
याचिका दाखिल करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि प्रमाणपत्र पर लिखा गया यह कॉलम प्राइवेसी का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि यह शब्द अपमानजनक और भेदभावपूर्ण हैं इसे हटाया जाना चाहिए।
उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर महीने तक अपना पूरा फैसला प्रकाशित कर देगी। हालांकि, उससे पहले प्रमाणपत्रों में बदलाव दिखने की उम्मीद है।