लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी पर प्रशासन ने छापा मारा है। इस दौरान पुलिस को करीब 300 किताबें अभी तक मिल चुकी हैं। पुलिस का कहना है ये किताबें चोरी की गई थीं। ये किताबें करीब 100 से 150 साल पुरानी हैं। इस मामले में अब तक यूनिवर्सिटी के 4 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा का कहना है कि 1774 में रामपुर में स्थापित मदरसा आलिया से प्राचीन पुस्तकें चोरी हुई थीं, जो जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से हुई बरामद हुई हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खान की है। इस वक्त यूनिवर्सिटी के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर हैं, और तलाशी अभियान चला रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मदरसा आलिया की किताबों की गुमशुदगी को लेकर ये छापा मारा गया है। जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर बनी मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी में सीओ समेत पुलिस अधिकारी जांच कर रहे हैं। पुलिस ने यहां से 4 लोगों को हिरासत में लिया है। मौके पर पुलिस अधीक्षक अजयपाल शर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार मौजूद हैं।
साथ ही उनके बेटे व विधायक अब्दुल्लाह आजम खान को पुलिस पूछताछ के लिए ले गई है। बताया जा रहा है कि उनसे पासपोर्ट के लिए गलत जानकारी देने के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
25 जुलाई को अदालत ने जौहर यूनिवर्सिटी की 7 हेक्टेयर जमीन के पट्टे को रद्द कर दिया था। यह जमीन 2013 में 30 साल के लिए मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव नसीर अहमद खान के नाम से लीज पर ली गई थी।
रामपुर जिला प्रशासन अब सांसद आजम खां के हमसफर रिसॉर्ट पर भी बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। इसके लिए उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने सिंचाई विभाग के नाले की एक हजार गज जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है।
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी आले हसन के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है. आले हसन आजम खान के करीबी सहयोगी हैं, उनके अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों, बंदरगाहों और जमीनी सीमाओं पर लुक आउट नोटिस (एलओसी) जारी किया गया है। रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने कहा कि जमीन पर कब्जा करने और जबरन बसूली के 27 मामलों में आरोपी हसन के खिलाफ एलओसी जारी कर दिया गया है।