नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिकी सांसदों ने ग्रीन कार्ड जारी करने पर मौजूदा सात प्रतिशत की सीमा को हटाने के उद्देश्य से बुधवार को एक विधेयक पारित किया। इस विधेयक से भारत के हजारों भारतीयों को लाभ मिलेगा। ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित यह विधेयक भारत जैसे देशों के उन प्रतिभाशाली पेशेवरों के लिए राहत देने वाली खबर है जो अमेरिका में स्थायी रूप से काम करने और रहने की अनुमति चाहते हैं।
फेयरनेस ऑफ हाई स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट, 2019 या एचआर 1044 नाम का यह विधेयक 435 सदस्यीय सदन में 65 के मुकाबले 365 मतों से पारित हो गया।
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार एक साल में अमेरिका द्वारा परिवार आधारित प्रवासी वीजा दिए जाने की संख्या को सीमित कर दिया गया। अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक, किसी देश को ऐसे वीजा केवल सात फीसदी तक दिए जा सकते हैं। नए विधेयक में इस सीमा को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसी तरह इसमें हर देश को रोजगार आधारित प्रवासी वीजा केवल सात प्रतिशत दिए जाने की सीमा को भी खत्म कर दिया गया है। इस विधेयक को कानून की शक्ल लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरुरत है लेकिन इससे पहले इसे सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता होगी जहां रिपब्लिकन सांसदों की अच्छी-खासी संख्या है।
ग्रीन कार्ड पर प्रत्येक देश के हिसाब से लगी सीमा से मुख्यत: फायदा भारत जैसे देशों से एच-1बी वर्क वीजा पर काम कर रहे हाई-टेक पेशेवरों को होगा जिनके लिए ग्रीन कार्ड का इंतजार एक दशक से भी ज्यादा वक्त का है।
बिल के पास होने से अब अमेरिका में नौकरी के आधार पर मिलने वाली स्थायी नागरिकता दिए जाने संबंधी लिमिट समाप्त हो जाएगी। मौजूदा नियमों के हिसाब से, एक साल में अधिकतर 1,40,000 ग्रीन कार्ड ही जारी किए जाते हैं। इसके अलावा किसी भी एक देश से 9,800 नागरिकों को एक साल में स्थायी नागरिकता नहीं दी सकती है।