नई दिल्ली (एजेंसी)। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूहों का वित्त पोषण रोकने में विफल रहने को लेकर पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में बरकरार रखा है। इस संबंध में भारत ने है कहा कि वह पाकिस्तान से आशा करता है कि वह एफएटीएफ कार्य योजना को सितंबर तक प्रभावी तरीके से लागू करेगा। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद और आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कदम उठाएगा।
एफएटीएफ रिपोर्ट के संबंध में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि एफएटीएफ ने तय किया है कि जनवरी और मई 2019 के लिए तय कार्य योजना को लागू करने में पाकिस्तान की असफलता के मद्देनजर उसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की ‘ग्रे सूची’ में रहने दिया जाए। उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान से आशा करते हैं कि वह बचे हुए समय में, सितंबर 2019 तक एफएटीएफ कार्ययोजना को पूर्ण और प्रभावी तरीके से लागू करेगा। उसने एफएटीएफ से राजनीतिक वादा किया था कि वह अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद और आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय कदम उठाएगा।”
पेरिस स्थित वैश्विक संगठन एफएटीएफ आतंकी वित्त पोषण और धन शोधन को कम करने के लिए काम कर रहा है और उसने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की देश में गतिविधियों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा है। पिछले साल जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में डाला था। इस सूची में शामिल देशों के घरेलू कानून को धन शोधन और आतंकी वित्त पोषण पर नकेल कसने के लिहाज से कमजोर माना जाता है।