नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को फर्जी बैंक अकाउंट मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एनएबी की एक टीम जरदारी के घर पहुंची और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी को गिरफ्तार कर लिया। फर्जी बैंक अकाउंट मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर की अंतरिम जमानत को बढ़ाने की अर्जी ठुकरा दी थी। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इसके बाद एनएबी को जरदारी और फरयाल की गिरफ्तारी के आदेश दिए।
नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के जरिए फर्जी खाता मामले का सामना कर रहे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को ही इस मामले में जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने झटका देते हुए स्थाई जमानत देने से मना कर दिया था। साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जरदारी और उनकी बहन को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया। जिसके बाद ही गिरफ्तारी की गई है।
फर्जी खाता मामले में न्यायाधीश अमीर फारुख और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तार कयानी की खंडपीठ दोनों की स्थाई जमानत की सुनवाई कर रही है। दोनों पर फर्जी बैंक खातों और कई मुख्यधारा के बैंकों के जरिए अरबों मूल्य के हुए फर्जी लेनदेन की जांच से संबंधित एक मामला चल रहा है। इन फर्जी खातों का इस्तेमाल रिश्वत के जरिए मिली भारी भरकम रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक जरदारी और तालपुर समेत सात लोग कथित रूप से कुल 35 अरब रुपए के संदिग्ध लेनदेन के लिए खास बैंक खातों के इस्तेमाल में शामिल रहे हैं।