नई दिल्ली (एजेंसी)। रियल एस्टेट सेक्टर की चर्चित कंपनी इंडियाबुल्स के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अमेरिका की निवेश फर्म ब्लैकस्टोन खरीद सकती है। यह सौदा करीब 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 7 हजार करोड़ रुपये में हो सकता है। इंडियाबुल्स ग्रुप के प्रमोटर्स ने भी इस डील के संकेत दिए हैं।
प्रमोटर्स ने बाजार नियामक सेबी को बताया कि वह अपनी करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी थर्ड पार्टी इन्वेस्टर को बेचने की योजना बना रहे हैं। इस खबर के आने के बाद शुक्रवार के कारोबार के दौरान इंडियाबुल्स के शेयर में 5 फीसदी से अधिक बढ़त देखने को मिली। यहां बता दें कि बीते 1 साल में इंडियाबुल्स के स्टॉक में 22 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं इस साल अब तक 56.48 फीसदी के करीब तेजी आई है।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिकी कंपनी ब्लैकस्टोन बेंगलुरु की रियल्टी फर्म एंबेसी ग्रुप के साथ मिलकर प्रमोटर्स की पूरी हिस्सेदारी को खरीद सकती है। दरअसल, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट में प्रमोटर्स की 39 फीसदी हिस्सेदारी है। हालांकि, इस सौदे को लेकर ब्लैकस्टोन ने किसी भी तरह का बयान देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि कई महीनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडियाबुल्स ग्रुप रियल एस्टेट सेक्टर के कारोबार से बाहर निकल सकती है। कंपनी के रियल एस्टेट सेक्टर से बाहर निकलने का मकसद यह है कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और लक्ष्मी विलास बैंक के प्रस्तावित विलय के लिए बाजार नियामक सेबी से आवश्यक अनुमति मिल सके।
बता दें कि हाल ही में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (आईबीएच) और लक्ष्मी विलास बैंक के बीच विलय की खबर आई थी। इस विलय का मकसद अधिक पूंजी और व्यापक भौगोलिक पहुंच वाला वेंचर बनाना है। इस विलय के बाद जो वेंचर अस्तित्व में आएगा उसके कर्मचारियों की संख्या 14,302 हो जाएगी। वर्तमान में लक्ष्मी विलास बैंक के देशभर में 569 शाखाएं, 1046 एटीएम हैं।
वहीं अगर इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस की बात करें तो देशभर में 220 शाखाएं हैं। विलय प्रस्ताव के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे। दिसंबर 2018 के अंत में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस की कुल एसेट 1,31,903 करोड़ रुपये की थी।