इस्लामाबाद: विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पिछले साल 27 फरवरी को पाकिस्तानी एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. हालांकि इसके बाद उनका विमान भी क्रैश हो गया था और वह पीओके में जा गिरे थे. इस मुद्दे पर पाकिस्तान में आज भी सियासत जारी है. पाकिस्तान के एक सांसद ने बुधवार को संसद में बोलते हुए दावा किया कि भारत के हमले के डर से इमरान खान सरकार ने भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान को अचानक रिहा कर दिया था, जिसे पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में लिया था.
पाकिस्तानी सांसद अयाज सादिक ने संसद में दावा किया, “मुझे याद महमूद शाह कुरैशी उस बैठक में मौजूद थे, जिसमें इमरान खान ने आने से इनकार कर दिया था. कुरैशी के पैर कांप रहे थे, माथे पर पसीना था. हमसे कुरैशी ने कहा, खुदा के वास्ता अब इसको वापस जाने दें, क्योंकि 9 बजे रात को हिंदुस्तान पाकिस्तान पर हमला कर रहा है.”
अयाज सादिक ने आगे कहा कि हिंदुस्तान कोई हमला नहीं करने वाला था. पाकिस्तान सरकार को सिर्फ घुटने टेककर अभिनंदन को वापस भेजना था, जो उन्होंने किया.
27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के जहाजों को खदेड़ते हुए भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन का मिग-21 क्रैश हो गया था और वो पैराशूट के जरिए विमान से कूद गए थे. उतरने के दौरान वह एलओसी में पहुंच गए. इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने अभिनंदन को अपने कब्जे में ले लिया था.
गिरने के बाद तो विंग कमांडर को पता नहीं चला कि वे कहां हैं लेकिन जैसे ही उन्हें ये आभास हुआ कि वे पाकिस्तान में हैं तो उन्होंने अपने पास मौजूद दस्तावेज तालाब में फेंक दिए और कुछ को चबाकर निगल गए. ऐसा उन्होंने इसलिए किया जिससे की देश के बारे में अहम जानकारी दुश्मनों को हाथ न लगे. गिरने के बाद वहां के लोगों ने उनपर हमला भी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं खोई.
जब भारत सरकार को आधिकारिक तौर पर पता चला तो बिना शर्त उन्हें वापस लौटाने के लिए कहा. ये भारत की कूटनीति का ही दबाव था कि पाकिस्तान की सरकार ने तुरंत फैसला लिया कि विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को वापस लौटाया जाए. खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 फरवरी को वहां की संसद में इस बात का एलान किया कि विंग कमांडर को भारत वापस भेजा जाएगा.