राहुल बोले- उद्धव सरकार की आलोचना से नहीं, बल्कि BJP के राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग से दिक्कत

नई दिल्ली(एजेंसी): महाराष्ट्र की राजनीति में क्या कोई बड़ी उठा पटक होने को है? बीजेपी लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है. पिछले तीन दिनों में शिवसेना, एनसीपी नेताओं की राज्यपाल से हो रही मुलाक़ातें और दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हो रही गुप्त बैठकों ने गठबंधन की सरकार पर कांग्रेस के महत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान ने ये साफ़ संकेत दिए हैं कि कांग्रेस की गठबंधन की इस सरकार में बन रहने की ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है.

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़े एक सवाल पर कल कहा कि सरकार का समर्थन करना और सरकार को चलाना दो अलग अलग बातें हैं. राहुल ने कहा, ‘’बीजेपी महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करना चाहती है तो उसमें दिक्कत नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है तो उसमें दिक्कत है.’’

राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘’पंजाब,राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पड्डुचेरी में कांग्रेस की सरकार है, जहां हम अपने हिसाब से फ़ैसला कर सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार है जहां कांग्रेस सबसे छोटा दल है.’’ उन्होंने कहा, ‘’शिवसेना और एनसीपी दो बड़े दल हैं. जैसे हम कांग्रेस शासित राज्यों में फ़ैसला ले सकते है वैसे हम महाराष्ट्र में फ़ैसला नहीं कर सकते.’’

कई राजनीतिक जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी के बयान के दो मायने हैं. पहला, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कांग्रेस की बात नहीं सुनते और दूसरा राहुल गांधी यह बात तब ही बोल सकते थे, जब कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी की सरकार को बाहर से समर्थन करती लेकिन ऐसा नहीं है. वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि  राहुल गांधी इससे पहले भी यह बात कई बार बोल चुके हैं.

राहुल गांधी के इस बयान पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘’राहुल गांधी का बयान आश्चर्यकारक है. ये जिम्मेदारी झटकने वाला बयान है. कोरोना के गंभीर स्थिति में राहुल गांधी सारा ठीकरा सरकार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सिर पर फोड़ना चाहते हैं, ये स्पष्ट है.’’

Related Articles