नई दिल्ली (एजेंसी). सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आज पहली बैठक होगी। बैठक में मंदिर निर्माण के मुहूर्त से लेकर कार्य पूर्ण होने तक की तमाम बातों पर विचार किया जाएगा। आम जनता से सहयोग राशि लेने जैसे मुद्दों पर भी निर्णय लिया जा सकता है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न हो।
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सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया था। उसने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण और इसके बारे में रूपरेखा तैयार करने के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा था। इसके पहले ट्रस्टी के. पारासरन हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ट्रस्ट की बैठक में शिलान्यास के मुहूर्त से लेकर निर्माण पूर्ण होने के लिए समयसीमा निर्धारित की जा सकती है। पारदर्शी तरीके से चंदा लेने पर भी रणनीति सामने आ सकती है। इसका मुख्य मकसद ये है कि भविष्य में किसी तरह के विवाद से बचा जा सके। ट्रस्ट इस बात पर भी विचार करेगा कि निर्माण कार्य के दौरान रामलला की प्रतिमा को कहां रखा जाए।
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सरकार ने ट्रस्ट का ऑफिस दिल्ली के ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में बनाया है। यह हिंदू पक्ष के वकील के. पारासरन का निवास स्थान है। ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले के 88 दिन बाद सरकार ने राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की घोषणा की थी। ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा। इसी के साथ केंद्र सरकार ने अपने कब्जे की 67.703 एकड़ जमीन भी ट्रस्ट को सौंप दी है। यह पूरा इलाका मंदिर क्षेत्र होगा।
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