नई दिल्ली (एजेंसी). इसे विडंबना कहें या कुछ और कि देश में दुष्कर्म और दरिंदगी करने वाले जो दोषी तत्काल फांसी पर लटका दिये जाने चाहिये, वह आए दिन नए-नए कानून का हवाला देकर अब तक बचते जा रहे हैं। मेरी बेटी को उन दरिंदों ने मार डाला। मैं भी देखती हूं कब तक फांसी पर नहीं चढ़ते। यह कहना है निर्भया की मां का। वह शुक्रवार को राजघाट स्थित समता स्थल पर आमरण अनशन कर रही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से मिलने पहुंचीं।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर स्वाति मालीवाल पिछले 11 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उन्होंने स्वाति मालीवाल से कहा कि इस देश की हर बेटी को उनकी जरूरत है। अब तक वह बेटियों के लिए लड़ रही थीं, आगे भी लड़ेंगी लेकिन अनशन स्थल पर सरकार का कोई नुमाइंदा न पहुंचना करोड़ों महिलाओं को ठेस पहुंचा रहा है।
निर्भया की मां ने सरकार को पत्र भी लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को इस मामले में मौन धारण करने को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस देश में महिला सुरक्षा पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
उनकी बेटी के कातिल कोर्ट में रोज अपील करते रहते हैं। कभी कोर्ट में तो कभी सरकार, फिर कभी राष्ट्रपति। ऐसा लगता है जैसे भारत का कानून दोषियों को ही हर अधिकार देता है, पीड़िता या उसके परिजनों को नहीं।
दुख इसी बात का है कि आप चिल्लाते रहो, भूखे रहो लेकिन सिस्टम वही रहेगा। यह सिस्टम कभी नहीं बदलने वाला, यह सबसे बड़ी शर्मिंदगी है। इसी सिस्टम को बदलने के लिए स्वाति मालीवाल अनशन पर हैं तो सरकार का रवैया देख लो, उसके पास फुर्सत ही नहीं है।
स्वाति मालीवाल तीन दिसंबर से आमरण अनशन पर हैं। उनकी मांग है कि दुष्कर्म मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए छह माह के भीतर ट्रायल पूरा कर दोषी को फांसी की सजा देने का प्रावधान होना चाहिए।
आमरण अनशन की वजह से अब तक उनका वजन करीब 6.3 किलो कम हो चुका है। शुक्रवार को डॉक्टरों ने जब उनकी जांच की तो ब्लड प्रेशर 90/70 पाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि स्वाति मालीवाल का ब्लड प्रेशर लगातार गिरता जा रहा है।