नई दिल्ली (एजेंसी). पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल विस्तार को लेकर जारी विवाद और गंभीर हो गया है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए इमरान सरकार पर तल्ख टिप्पणियां की। तीन न्यायधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को आदेश दिया कि वह छह महीने के अंदर एक ऐसा कानून संसद में पेश करे जिसमें सुप्रीम कोर्टा का उल्लेख हो। इसके साथ सेना प्रमुख का कार्यकाल और वेतन-भत्ते जैसी सुविधाए स्पष्ट रूप से उल्लेखित हों।
वहीं पूर्व पाक जनरल अमजद शोएब ने सेनाप्रमुख के कार्यकाल विस्तार पर हो रहे विवाद को सेना की बेइज्जती करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि बाजवा तो कार्यकाल विस्तार चाहते ही नहीं थे। प्रधानमंत्री ने उन्हें तैयार किया। अब जो हो रहा है वो इस मुल्क की पूरी फौज की बेइज्जती है।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने अटार्नी जनरल को फटकार लगाई। जस्टिस खोसा ने कहा कि सेना प्रमुख को एक शटलकॉक के रूप में तब्दील कर दिया गया है। साथ ही इमरान खान सरकार से कहा कि वह जो कुछ कर रही है, उस पर फिर से विचार करे।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को एक जनरल बाजवा को तीन साल का कार्यकाल विस्तार दिया था। इसके पीछे उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल का हवाला दिया था। बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने उससे पहले उनके पक्ष में फैसला दिया तो वह इस पद पर बने रह सकते हैं।