नई दिल्ली (एजेंसी). इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप (WhatsApp) के जरिए भारतीय पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी को लेकर सरकार ने बड़ा खुलासा किया है. सरकार ने एक सवाल के जवाब में संसद में बताया है कि व्हाट्सएप के जरिए इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के 121 यूजर्स को टारगेट किया गया था. व्हाट्सएप के मुताबिक यह स्पाईवेयर इजराइल की एक कंपनी एनएसओ ग्रुप की तरफ से बनाया गया है.
लोकसभा में सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि पेगासस स्पाईवेयर ने दुनिया भर में 1400 मोबाइल्स को निशाना बनाया था, जिसमें से 121 यूजर्स भारत से हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबध है, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है. सरकार ने कहा कि हैंकिग और स्पाईवेयर से निपटने के लिए सूचान प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट में पर्याप्त प्रावधान हैं.
रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर भी काम कर रही है और इसे संसद में जल्द पेश किया जाएगा. सरकार ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भारत सरकार को कथित उल्लंघन के लिए बदनाम करने की कोशिश की गई है, यह ‘पूरी तरह से भ्रामक’ है.
हाल ही में व्हाट्सऐप ने खुलासा किया था कि इजरायली स्पाइवेयर ‘पेगासस’ का इस्तेमाल करके दुनिया भर में बहुत लोगों की जासूसी की गई जिनमें भारत के कई सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, भारत में शिक्षाविदों, वकीलों, दलित एक्टिविस्टों और पत्रकारों से व्हाट्सएप ने संपर्क किया था और उन्हें जानकारी दी थी कि मई में दो हफ्ते तक उनके फोन अत्याधुनिक सर्विलांस में थे. उस दौरान भारत मे लोकसभा चुनाव चल रहे थे.