तीस हजारी कोर्ट में हुए बवाल पर आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई, हिंसा करने वाले वकीलों पर सख्त कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली (एजेंसी). तीस हजारी कोर्ट में कार खड़ी करने को लेकर पुलिस और वकीलों में हुई झड़प के मामले में वकीलों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। वकीलों की हड़ताल और प्रदर्शनों के दौरान मारपीट की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया और दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठकें हुई। इनमें दिल्ली की सभी बार एसोसिएशनों को तत्काल प्रभाव से हड़ताल समाप्त करने और हिंसा रोकने के निर्देश दिए गए। सोमवार को हुई मारपीट की घटनाओं में शामिल आरोपी वकीलों पर कार्रवाई के लिए उनके नाम भी मांगे गए। दूसरी ओर जिला अदालतों की कॉर्डिनेशन कमेटी ने बुधवार को दिन भी हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है।

वहीं तीस हजारी कोर्ट में बीते शनिवार को लेकर हुए बवाल के बाद हाईकोर्ट द्वारा वकीलों पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं करने के आदेश को लेकर केन्द्र ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केन्द्र की ओर से दाखिल अर्जी में मांग की गई कि 2 नवंबर के बाद की घटनाओं में शामिल वकीलों पर यह आदेश लागू नहीं होना चाहिए। इस अर्जी पर हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी। वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से समीक्षा याचिका भी दायर करने की तैयारी की जा रही है।

अदालतों में हड़ताल के दौरान वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों के साथ मारपीट की घटनाओं के वीडियो वायरल होने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार की ओर मंगलवार को सभी बार एसोसिएशन की आपात बैठक बुलाई गई। इसमें आरोपी वकीलों के नाम मांगे गए और उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही गई। सभी बार एसोसिएशन को कड़े शब्दों में निर्देश दिए गए कि वे तत्काल प्रभाव से काम पर लौटें और सभी घटनाओं पर पूर्ण रूप से रोक लगाएं।

यह भी निर्देश दिए गए कि जिला अदालतों की कॉर्डिनेशन कमेटी के पदाधिकारियों की आपात बैठक बुलाकर अविलंब स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए जाएं। इस बाबत मंगलवार शाम 5 बजे कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई, जिसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए निर्देशों पर कॉर्डिनेशन कमेटी ने आपत्ति जताई। हालांकि, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने निर्देशों का समर्थन किया।

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