नई दिल्ली (एजेंसी)। अनुच्छेद 370 व 35-ए के हटने के बाद से पहले से ही प्रसन्न चल रहे पश्चिमी पाकिस्तान के करीब सवा लाख शरणार्थियों में बृहस्पतिवार को खुशी की लहर दौड़ गई। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनते ही स्टेट सब्जेक्ट की व्यवस्था भी खत्म हो गई। ऐसे में इन परिवारों को मतदान, शिक्षा संस्थानों में दाखिले, राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ आदि मिलने की उम्मीद जगी है। पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के नेता लब्बाराम गांधी के अनुसार शरणार्थियों के करीब बीस हजार परिवार हैं, जिनकी आबादी सवा लाख है। ये परिवार सीमावर्ती इलाके में बसे हुए हैं। कठुआ के कीड़ियां गंडियाल से लेकर अखनूर के पलांवाला सेक्टर में गुजर बसर कर रहे परिवाराें की पहली बार सुध ली गई है।
गांधी ने कहा कि उन्हें विधानसभा चुनावों में मतदान का अधिकार नहीं था। यहां संपत्ति खरीदने व सरकारी नौकरी के अधिकार भी नहीं थे। अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें भी पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर के शरणार्थियों की तर्ज पर प्रति परिवार साढ़े पांच लाख की मुआवजा राशि भी मुहैया करवाएगी।
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