उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में एक हैं बदरीनाथ धाम
जोशी मठ (एजेंसी). चार धाम यात्रा : आगामी 15 मई को बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट विधि विधान के साथ खोले जाएंगे। इस बार बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी सहित मंदिर से जुड़े 28 लोग ही भगवान बदरीनाथ की अखंड ज्योति के दर्शन कर सकेंगे।
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चमोली जिला प्रशासन ने 15 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने और लॉकडाउन के दौरान धाम में रहने वाले लोगों की सूची तैयार की गई है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी व अन्य पूजा स्थलों से जुड़े 28 लोगों को ही कपाट खोलने के दौरान मंदिर में प्रवेश की अनुमति रहेगी।
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धाम परिसर में सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना जरुरी होगा। वहीं, सोमवार को धाम के मुख्य प्रवेश द्वार, लक्ष्मी द्वार सहित विभिन्न स्थलों को सैनिटाइज किया गया। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि धाम के मुख्य आस्था पथ का सुधारीकरण कार्य पूर्ण हो गया है।
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निर्देश जारी किए गए हैं कि लॉकडाउन की अवधि तक धाम में पहुंचे पुजारियों को बिना प्रशासन की अनुमति के बदरीनाथ क्षेत्र से अन्यत्र जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले निर्धारित तिथि पर केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल चुके हैं।
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भगवान बदरीनाथ की गाडू घड़ा (अभिषेक तेल कलश) डोली को डिम्मर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में रखा गया है। डिम्मर उमट्टा पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि 12 मई को यात्रा डिम्मर गांव से रवाना होकर जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में पहुंचेगी।13 मई को जोशीमठ से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर और वहां से 14 मई को यात्रा उद्धव व कुबेर जी और शंकराचार्य की गद्दी सहित बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। 15 मई को प्रात: 4:30 बजे मंदिर के कपाट खुलने पर भगवान का अभिषेक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 12 मई तक डिम्मर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में गाड़ू घड़ा का नित्यप्रति शृंगार, अभिषेक पूजा और भोग पूजा की जाएगी।
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